MP Archeology Department: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) में बेरोजगार युवाओं से ठगी का बड़ा मामला सामने आया. हैरान करने वाली बात ये है कि इस ठगी की घटना में पुरातत्व विभाग का नाम भी जुड़ा है. विदिशा जिले के पठारी क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पुरातत्व विभाग के एक कर्मचारी को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया .
सरकारी नियुक्ति पत्र भी बांटे..
पठारी पुलिस ने इस मामले में सांची से सरकारी कर्मचारी संजय रजक को गिरफ्तार किया.आरोपी पर आरोप है कि उसने न केवल पैसे ऐंठे बल्कि ठगी का शिकार बने सात लोगों को सरकारी नियुक्ति पत्र भी दिए, जो पूरी तरह से फर्जी थे.सात पीड़ितों ने पुरातत्व विभाग के कर्मचारी संजय रजक के खिलाफ पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया है कि संजय रजक ने नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे पैसे लिए और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिए. जब पीड़ितों ने जांच की, तो पता चला कि उनके नाम विभाग में कहीं दर्ज नहीं हैं, जिससे ठगी का मामला उजागर हुआ.
ऐसे सामने आया धोखाधड़ी का मामला
एसडीओपी मनीष राज ने जानकारी दी कि आरोपी ने न केवल पैसे ऐंठे बल्कि फर्जी नियुक्ति पत्र भी तैयार किए और कुछ दिनों तक लोगों से काम भी करवाया. जब पैसे का लेन-देन बंद हुआ, तो पीड़ितों को संदेह हुआ और उन्होंने विभाग की पुष्टि की, जिसके बाद यह धोखाधड़ी का मामला सामने आया. पठारी पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई के लिए प्रयासरत है.
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सांची से किया गिरफ्तार
पठारी पुलिस ने बारीकी से जांच पड़ताल की तो पूरा मामला फर्जी पाया गया. आरोपी सांची संग्रहालय के पास रहता था. पठारी में पदस्थ था. उसने पठारी ग्राम में एक कमरा भी किराए पर लेकर रखा था. पुलिस ने एक टीम गठन कर सांची के लिए रवाना की सांची से उसे गिरफ्तार किया पुलिस की पूछताछ में पुरातत्व विभाग ने अपना जुर्म भी कबूल किया. सांची पुरातत्व विभाग अधिकारी संदीप महतो ने बताया यह सांची संग्रहालय में पदस्थ कर्मचारी था, इसे अनुकंपा नियुक्ति मिली थी सांची के बाद यह पठारी में पदस्थ था.
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