Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) जिले में 'लाडली बहना योजना' (Ladli Behna Yojana) से जुड़ी अनोखी खबर सामने आई है. यहां करीब 370 महिलाओं ने खुद अपनी इच्छा से लाड़ली योजना से नाम कटाने का फैसला किया. महिलाओं ने 'महिला बाल विकास' के ऑनलाइन पोर्टल पर इस योजना को त्यागा है. 'लाडली बहना योजना' का लाभ छोड़ने जिले में 370 महिलाएं आगे आई हैं जिन्होंने खुद को संपन्न बताते हुए कहा कि इस योजना का लाभ हमसे पहले जरूरतमंद महिलाओं दिया जाना चाहिए. वहीं, मामले में अधिकारियों का भी कहना है कि यह अच्छी पहल है....जो महिलाएं जरूरतमंद नहीं है वो योजना से अपना नाम खुद से काट सकती हैं.
नाम कटवाने के पीछे बताई ये वजह
दरअसल, इस योजना की शुरुआती दौर में जिले भर में महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें देखने मिली रही थी. महिलाओं ने हजारों की संख्या में योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन भी किए थे. जिले भर की कई महिलाओं को इस योजना का लाभ भी मिला. तीन महीने तक महिलाओं के खाते में 1250 रुपए आए... लेकिन अब इससे बिलकुल उलट कुछ ऐसी महिलाएं भी सामने आई जिन्होंने इस योजना को त्यागने का फैसला लिया है. इनमें करीब 370 महिलाएं शामिल है जिन्होंने महिला बाल विकास पहुंचकर पोर्टल से नाम कटवाने को कहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में मार्च के महीने में लाडली बहना योजना को शुरू किया गया था. जिसके तीन महीने बाद यानी कि जून से ही लाडली बहनों के खाते में एक-एक हजार भजे जाने लगाए थे. इसके बाद अक्टूबर के महीने में इस राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए कर दिया गया था. मौजूदा समय में मध्य प्रदेश में कुल 1.32 करोड़ लाडली बहना हैं जिन्हें इस योजना के तहत पैसा पहुंचाया जा रहा है.
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यह योजना इतनी ज़्यादा लोकप्रिय हुई कि प्रदेश भर में इस योजना का लाभ लेने के लिए हजारों की संख्या में आवेदन जमा करने महिलाओं की कतारें लगी रहीं. इसी बीच सरकार ने अपील करते हुए कहा थी कि जो महिलाएं योजना का लाभ नहीं लेना चाहती वह अपनी मर्ज़ी से इसे छोड़ सकती है. इसके बाद जिले में अभी तक 370 महिलाएं सामने आई हैं जिन्होंने लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर लाभ त्यागने की बात कही है. वहीं, महिला बाल विकास अधिकारी भरत राजपूत बताते हैं यह ऑनलाइन पोर्टल पर शो होता है. पोर्टल पर ही महिलाओं का नाम दर्ज किया जाता है इसमें महिलाओं के पास अधिकार होता है वो अपने आप से यह योजना का लाभ त्याग सकती है. इसमें अभी 370 महिलाओं ने योजना को त्यागा है.
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