Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission Gramin Bill 2025: केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने VB - G RAM G (विकसित भारत - जी राम जी) Bill, 2025 के बारे में बात करते हुए सदन में कहा कि 'विकसित भारत - जी राम जी बिल' विकसित भारत के लिए, विकसित गांव का बिल है. यह बिल महात्मा गांधी जी के स्वावलंबी, स्वयं पूर्ण, गरीबी मुक्त और रोजगार युक्त गांव बनाने का बिल है. इसमें 100 दिन की रोजगार की गारंटी को बढ़ाकर 125 दिन किया है. इस के साथ ही उन्होंने नाम बदलने की राजनीति को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
हमारे सपनों का गाँव, आदर्श गाँव जो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी बनाना चाहते हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 18, 2025
एक विकसित गाँव, जो स्वावलंबी हो, जो रोज़गार से युक्त हो, जो गरीबी से मुक्त हो, जो सुविधाओं से संपन्न हो, जहाँ शिक्षा हो, जहाँ रोज़गार हो, जहाँ समानता हो।… pic.twitter.com/wFkROos7Hg
'हिंदुस्तान की असली बसावट गाँवों में'
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान महात्मा गांधी के विचारों को याद करते हुए कहा कि, बापू देश की श्रद्धा, प्रेरणा और आदर्श हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पंचनिष्ठा में गांधीजी के सामाजिक और आर्थिक दर्शन को स्थान दिया है और पार्टी उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांधीजी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि गाँव भारत की आत्मा हैं और यदि गाँव कमजोर होंगे तो देश कमजोर हो जाएगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हिंदुस्तान की असली बसावट गाँवों में है और VB- G RAM G विधेयक गांवों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने वाला है.
कांग्रेस ने तो गांधी जी की कभी नहीं मानी। हम गांधी को भी मानते हैं, गांधी जी की भी मानते हैं। #125days_RozgarKiNayiGuarantee pic.twitter.com/ldLjKFQqji
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 18, 2025
'कांग्रेस ने गांधी जी के आदर्शों की हत्या की'
केंद्रीय मंत्री ने कहा "कांग्रेस ने तो गांधी जी की कभी नहीं मानी, हम गांधी को भी मानते हैं और गांधी जी की भी मानते हैं. गांधी जी ने कहा था- 1948 में आज़ादी प्राप्त हो गई, कांग्रेस का काम पूरा हो गया, अब कांग्रेस भंग कर देना चाहिए. कांग्रेस की जगह लोक सेवक संघ बनाना चाहिए. लेकिन नेहरू जी ने सत्ता से चिपके रहने के लिए, आज़ादी के आंदोलन का लाभ उठाने के लिए कांग्रेस भंग नहीं की. बापू जी के आदर्शों की हत्या कांग्रेस ने उसी दिन कर दी, जिस दिन कांग्रेस भंग नहीं की. बापू के आदर्शों की हत्या कांग्रेस ने की, जिस दिन देश का बँटवारा स्वीकार किया, उस दिन बापू के आदर्शों की हत्या हो गई. जिस दिन इन्होंने कश्मीर को विशेष दर्जा दिया, उस दिन बापू के आदर्शों की हत्या हो गई. जिस दिन इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर संविधान की धज्जियाँ उड़ाईं, उस दिन गांधी जी की हत्या इन्होंने कर दी. जिस दिन संतों पर गोलियाँ चलाईं दिल्ली में, उस दिन तुमने गांधी जी की हत्या करने का पाप किया. पूरे देश को भ्रष्टाचार और घोटालों में डुबोकर तुमने गांधी जी की हत्या की."
कांग्रेस ढोंग करती है और हम काम करने में विश्वास रखते हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 18, 2025
जब UPA की सरकार थी, तब केवल 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित हुए। वहीं आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 3210 करोड़ श्रम दिवस सृजित करने का काम किया गया।
कांग्रेस की सरकार ने मनरेगा में 2 लाख 13 हजार 220 करोड़ रुपए खर्च… pic.twitter.com/62IGwkRoKh
'नाम रखने की सनक तो कांग्रेस की है'
शिवराज सिंह कहा कि "कांग्रेस ने नाम महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखे, इन्होंने नाम केवल नेहरू परिवार के नाम पर रखने का पाप किया. आज पूरा देश यह जान ले, कितनी योजनाओं का नाम इन्होंने अपने खानदान को महिमामंडित करने के लिए रखा." शिवराज सिंह गिनाते हुए कहा कि:-
- राज्य सरकार की योजनाओं के नाम 25 नाम स्वर्गीय राजीव गांधी जी के नाम पर
- 27 योजना के नाम इंदिरा जी के नाम पर
- शैक्षणिक संस्थाएं या यूनिवर्सिटी के नाम राजीव जी पर 55, इंदिरा जी पर 31
- नेहरू जी पर 22 खेल और टूर्नामेंट ट्रॉफी के नाम
- राजीव गांधी जी पर 23, इंदिरा जी पर 4, नेहरू जी पर 2
- सड़क, जगह, इमारत के नाम 74 अपने नामों पर रखे.
- 51 अवार्ड के नाम नेहरू परिवार के नाम पर रखे गए.
- 37 संस्थान, चेयर और फेस्टिवल.
- नेहरू जी और इंदिरा जी के नाम पर रखे गए 39 चिकित्सा संस्थान और अस्पताल के नाम
- 15 स्कॉलरशिप इनके नेताओं के नाम पर.
- 15 नेशनल पार्क जहां जानवर रहते हैं वो भी नेहरू जी, इंदिरा जी और राजीव जी के नाम पर कर दिए गए.
- 05 एयरपोर्ट और बंदरगाहों के नाम
- कितनी योजना चलाई तो नाम रखने की सनक इनकी है, मोदी सरकार तो केवल काम करना चाहती है. केवल काम में हमारा विश्वास है.
"इस योजना में रोजगार की गारंटी"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "इस बिल के नाम में ही, इस योजना का काम लिखा हुआ है. हम इस योजना में रोज़गार की गारंटी दे रहे हैं. आजीविका को समृद्ध करने का काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य विकसित भारत होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली भारत, एक गौरवशाली भारत, एक संपन्न भारत, एक समृद्ध भारत, एक शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है और विकसित भारत के लिए विकसित गाँव. यह हमारी इस योजना का उद्देश्य है और इसलिए हमने एक आदर्श गाँव की कल्पना की. एक सपना, एक संकल्प जो इस योजना के माध्यम से हम पूरा करना चाहते हैं. मोदी सरकार ने यह अचानक नहीं किया, स्टेकहोल्डर्स से हमने चर्चा की, कई राज्यों से हमने चर्चा की. व्यापक विचार विमर्श के बाद यह विचार बना कि इतनी विशाल धनराशि, आठ-दस लाख करोड़ रुपया से ज्यादा, क्या केवल मजदूरी देने के काम में नहीं, यह स्थाई परसंपत्तियों के निर्माण में भी लगना चाहिए. और इसलिए यह जरूरी हो गया था कि, मनरेगा के बारे में खुले मन से, खुले दिमाग से एक बार फिर से विचार किया जाए. इसलिए हमने यह तय किया कि, मनरेगा के स्थान पर एक नई योजना लेकर आए, हमने बापू का नाम नहीं बदला. हमने इतनी विशाल धनराशि से एक तरफ रोजगार के काम बेहतर हो और रोजगार मिले, ज्यादा रोजगार मिले इसका प्रावधान करने का काम किया. वहीं दूसरी तरफ इस विशाल धनराशि का उपयोग संपूर्ण विकसित गांव बनाने में किया जाए. संपूर्ण विकसित गांव, यह मोदी सरकार का लक्ष्य रहा."
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