
Madhya Pradesh Hindi News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस (Ujjain Police) और अपराधियों के गठजोड़ का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकारी चरक भवन अस्पताल में जेल से लाकर भर्ती किए बदमाश के साथ पुलिसकर्मी शराब पीकर जुआ खेलते हुए कैमरे में कैद हो गए. गुरूवार को मामला सामने आते ही एसपी प्रदीप शर्मा ने पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित (Suspend) कर दिया.

दरअसल, कोतवाली थाना पुलिस ने क्षेत्र में हुए जानलेवा हमले के केस में आरोपी अजय सिंदल को जेल भेजा था. उसने खुद को बीमार बताया तो कोर्ट ने जेल के स्थान पर अस्पताल में इलाज की अनुमति दी थी. फिर उसे चरक अस्पताल में बने जेल वार्ड में रखा गया था.
निगरानी में तैनात किए पांच पुलिसकर्मी
उसकी निगरानी और सुरक्षा के लिए लाइन में पदस्थ प्रधान आरक्षक अल्ताफ हुसैन, आरक्षक अरविंद मरमट, सुनील बिठौरे, लखन अहिरवार और सुनील परमार तैनात किए गया था, लेकिन गुरूवार को जेल वार्ड का एक वीडियो वायरल हो गया. इसमें पुलिसकर्मी वर्दी खूंटी पर टांग अजय के साथ शराब पीकर जुआ खेलते नजर आए. पता चलते ही एसपी शर्मा ने चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर एएसपी को मामले की जांच के आदेश दे दिए.
पीड़ित ने ही बनाया वीडियो
पुलिस रिकॉर्ड अनुसार, अजय सिंदल हिस्ट्रीशीटर बदमाश है. उसने 1 सितंबर 2024 को अपने सगे चाचा अनिल सिंदल पर जानलेवा हमला किया था. मामले में कोतवाली थाने पुलिस ने केस दर्ज कर अजय को जेल भेजा था, लेकिन जेल से दूसरी बार इलाज के नाम पर भर्ती होते देख शुभम ने वार्ड की निगरानी की. उसने अजय ओर पुलिसकर्मियों को शराबखोरी और जुआ खेलते देख वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.
पीड़ित पक्ष दहशत में
फरियादी शुभम सिंदल ने अजय बीमार नहीं है. वह बीमारी के बहाने 101 दिन में दूसरी बार जेल से अस्पताल पहुंचा है. इस बार 15 दिन के जाफता (इलाज के लिए ) जेल से बाहर अस्पताल आया और अस्पताल में पुलिस कर्मियों के साथ शराब पार्टी कर जुआ खेल रहा है. अपने बदमाश साथियों को भेजकर उनके परिवार पर समझौते के लिए दवाब बना रहा है. इससे उनका परिवार दहशत में है. दूसरी ओर वह बीमारी के बहाने जमानत के लिए मेडिकल ग्राउंड तैयार कर रहा है.
सिविल सर्जन ने दी सफाई
मामले में चरक अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अजय दिवाकर ने कहा कि जेल में डॉ की टीम परीक्षण के बाद आवश्यक होने पर किसी कैदी को उपचार के लिए अस्पताल में रेफर करती है, हमारा काम इलाज करना है. उपचार के दौरान कैदी की निगरानी के लिए पुलिस मौजूद रहती है. जेल वार्ड में ही आरोपी को रखा होगा.
आरोपी को अलग कक्ष में रखने की जानकारी नहीं है. अस्पताल में मरीज और पुलिसकर्मी द्वारा शराब पार्टी और जुआ खेलने का मामले की पुष्टि के लिए सीसीटीवी चेक कराएंगे और आरआई से जानकारी लेने के बाद कुछ कह पाएंगे.