Ujjain News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिए शुरू की गई सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी परियोजना 10 दिन से बंद है. पता चला किसानों ने तय मुआवजा लेने से इंकार कर काम रोक दिया है. हालांकि प्रशासन सीएम के निर्देश के बाद किसानों को मनाने के प्रयास में जुटा हुआ है. शहर से 17 किलोमीटर दूर ग्राम कल्याणपुरा में सरकार ने मार्च माह में 619 करोड़ की लागत से सिलारखेड़ी -सेवरखेड़ी परियोजना शुरू की थी. सिंहस्थ 2028 में नहान शिप्रा के पानी से करवाने के उद्देश्य से बनाए जा रहे डेम का किसान जमीन का उचित मुआवजे मिलने की उम्मीद से सहयोग कर रहे थे. करीब 25 प्रतिशत काम भी हो चुका, लेकिन फिर प्रशासन ने गाइड लाइन से मुआवजा देने की बात कही. इसके विरोध में किसानों ने हर स्तर पर ज्ञापन देकर उचित मुआवजा की मांग की. बावजूद मांग नहीं मानने पर किसानों ने 21 नवंबर से काम बंद करवा दिया जो अब तक पुनः शुरू नहीं हो सका.
सीएम ने किया था वादा
किसानों की मअगुवाई कर रहे कल्याणपुरा के किसान दिलीप सिंह सिसोदिया ने बताया कि परियोजना भूमिपूजन पर सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा था कि किसानों के हित में काम करेंगे. लेकिन प्रशासन गाइड लाइन से मुआवजा देना चाहता है जो सिर्फ 3 से 6 लाख रुपए बीघा है. जबकि बाजार मूल्य 50 लाख से 1 करोड़ रुपए बीघा तक है. हालांकि 29 नवंबर की सीएम से मिलने पर उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए थे, लेकिन प्रशासन अब भी 17.50 रू देना चाहता है. इसलिए काम रोका हुआ है.
300 किसानों की जमीन लेगी सरकार
किसान दिलीप सिंह सिसोदिया ने बताया कि सिलारखेड़ी -सेवरखेड़ी प्रोजेक्ट अच्छा है. यहां सेवरखेड़ी डेम बनने से शिप्रा प्रवाहमान रहेगी. इस योजना में 14 गांव के 300 किसानों की 400 बीघा जमीन का अधिग्रहण होना है. इससे 1500 लोग प्रभावित होंगे. बावजूद किसान शुरू से बिना मुआवजा लिए मदद कर रहे हैं. अगर सरकार उचित मुआवजा देगी तो किसान अन्य जगह जमीन लेकर खेती कर सकेगा.
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