Tomato cultivation in MP: आज के दौर के युवा खेती नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि ऐसी धारणा है कि खेती घाटे का सौदा है. साथ ही इससे पहचान भी नहीं मिल पाती है, लेकिन मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दो भाईयों ने इस सोच और धारणा को बदल दिया है. उनके पिता पारंपरिक खेती करते थे, लेकिन उन्हें इसमें ज्यादा मुनाफा नहीं मिल पाता था. हालांकि अब दोनों भाईयों ने दिमाग लगाकर इस खेती से करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. इतना ही नहीं जिले में इन दोनों भाईयों को स्मार्ट किसान के नाम से बी जाना जाता है.
सब्जी उगाकर सलाना कमा रहे 4 करोड़ रुपये
दरअसल, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस के नवोदा गांव के रहने वाले गिरवर रावत और महेंद्र रावत ने खेती को सोना उगलने वाला खेत बना दिया है. दोनों भाई खेती से सलाना 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं, जो उनके लिए धरती से निकले हुए सोने से कम नहीं है.
पॉलीहाउस में पौधा तैयार कर कमाते हैं मुनाफा
इन दोनों भाइयों को पौधा तैयार करने या पौध को लाने के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ता है, बल्कि यह अपने खेत में फसल उगाने के लिए पौधे को अपने ही पॉलीहाउस में विकसित करते हैं. इससे न केवल खुद अपने खेतों में फसल उगाते हैं, बल्कि आसपास के किसानों को भी पौधा तैयार करके देते हैं और इससे मुनाफा कमाते हैं.
2015 में शुरु की थी सब्जी की खेती
गिरवर रावत और महेंद्र रावत ने खेती की शुरुआत 2015 में की. उन्होंने 100 एकड़ में खेती शुरू की. इन्होंने अपने खेत में पॉलीहाउस बनाए और आधुनिक खेती को अपनाया. अब गिरवर रावत और महेंद्र रावत शिवपुरी सहित पूरे मध्य प्रदेश में अपनी पहचान हासिल कर ली है.
गिरवर रावत ने बताया कि वो अपने पॉलीहाउस में बीज को बोकर 7 दिन अंकुरण का इंतजार करते हैं. अंकुरण के बाद जैसे ही पौधा 10-15 दिन मे थोड़ा बड़ा होता है उसे खेतों में लगा दिया जाता है और यहीं से फलने फूलने का सफर शुरू होता है.
96 एकड़ में सब्जी की खेती और 4 एकड़ में बनाया पॉलीहाउस
दोनों भाइयों के पास 100 एकड़ खेत है. इनमें से चार एकड़ में पॉलीहाउस बनाया है. 80 एकड़ में टमाटर की खेती होती करते हैं, जबकि 12 एकड़ जमीन पर गोभी की फसल तैयार करते हैं. इसके साथ-साथ ही शिमला मिर्च का उत्पादन भी करते हैं.
MP के साथ इन राज्यों तक पहुंचती हैं सब्जियां
बता दें कि दोनों भाइयों के उगाए हुए सब्जी को लेने के लिए पूरे मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के व्यापारी उनके खेत तक पहुंचते हैं, जिसके चलते इन्हें मंडी में जाकर अपनी फसल को बेचने का इंतजार नहीं करना पड़ता है.
गिरवर रावत और महेंद्र रावत बताते हैं कि सब्जी उत्पादन के लिए खेत को पूरी तरह से तैयार और उसकी देखभाल करने की जरूरत होती है. मिट्टी का भी खास ख्याल रखना होता है. इसके साथ ही उसमें फर्टिलाइजर का कम से कम उपयोग हो और जैविक खाद का उपयोग बढ़ाया जाए तो उत्पादन ज्यादा होने के साथ-साथ फसल की क्वालिटी बेहतर होती है.
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