
Madhya Pradesh News: सरकारी स्कूलों (Government School) में चलाई जाने वाली योजना मिड डे मील, यानी मध्यान्ह भोजन योजना (Mid Day Plan) की शुरूआत तो छोटे और गरीब बच्चों की मदद करने के लिए हुई थी, लेकिन इसमें शामिल अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने इस योजना को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. आए दिन इसको लेकर शिकायतें आती रहती हैं. ताजा मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल (Shahdol) जिले के बुढ़ार ब्लॉक के सेजहाई गांव के सरकारी स्कूल से सामने आया है. यहां मध्यान्ह भोजन (Mid Day Meal) के नाम पर पानीदार दाल और चावल परोसा जा रहा है. इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. मामले की जानकारी पर जनपद बुढ़ार के CEO ने कहा कि जांच कराएंगे और गड़बड़ी सामने आई तो कार्रवाई की जाएगी.
यह दाल है या पानी!
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) September 8, 2024
मध्य प्रदेश : देखिए शहडोल जिले के सेजहाई गांव के प्राइमरी और मिडिल स्कूल में मिड डे मील का हाल.#MadhyaPradesh | #MidDayMeal | #School | #Nutrition | #Students | #Education | #ViralVideos pic.twitter.com/zoPaqftz6K
परिजनों ने लगाए आरोप
सेजहाई गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों का आरोप है कि स्वयंसहायता समूह मासूम स्कूली बच्चों का मध्यान्ह भोजन डकार रहे हैं. इसके अलावा, यहां पढ़ने वाले बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में बड़ी लापरवाही सामने आई है. बता दें कि जिला पंचायत, जनपद और BRC से लेकर विभाग मध्यान्ह भोजन की मॉनिटरिंग करता है. जिले के ज्यादातर आदिवासी गरीब बच्चे दोपहर को स्कूल से मिलने वाले मध्यान्ह भोजन पर ही आश्रित है.
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जनपद सीईओ ने कही कार्रवाई की बात
इस पूरे मामले पर जब जनपद बुढ़ार के CEO मुद्रिका सिंह से बात की गई, तो उनका कहना है कि हमने BRC को जांच के लिए कहा है. वह स्कूल जाकर वस्तुस्थिति का पता लगाएंगे. इसके बाद मामले में उचित और सख्त कार्यवाही की जायेगी.
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