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MP का 'ताजमहल' ! 3500 फीट ऊंचाई पर प्यार की गवाही देता ये किला... ऐतिहासिक इमारत के बीच दफन है अमर प्रेम कहानी

Rani Roopmati Fort: सिर्फ आगरा ही नहीं, बल्कि भारत का दिल कहे जाने वाला मध्य प्रदेश में भी प्रेम की निशानी है. यह निशानी रानी रूपमती के लिए बनवाया गया किला है. इस किले को राजा बाजबहादुर ने 3500 फीट ऊंची पहाड़ी पर बनवाया था. इस किले का वास्तुकला मुगल और मालवा शैलियों का मिश्रण है.

MP का 'ताजमहल' ! 3500 फीट ऊंचाई पर प्यार की गवाही देता ये किला... ऐतिहासिक इमारत के बीच दफन है अमर प्रेम कहानी

MP Rani Roopmati Fort: 'ताजमहल'.... जब भी हम ताजमहल का जिक्र करते हैं तो सफेद मार्बल वाली एक भव्य गुबंदनुमा इमारत की तस्वीर हमारे जहन में उतरती है. ज्यादातर लोग ताजमहल इसलिए जाते हैं, क्योंकि इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है... लेकिन आज हम आपको मध्य प्रदेश के एक किले के बारे में बताने जा रही हूं, जो प्रेम की अनोखी कहानी के लिए मशहूर है. आप ये सुनकर हैरत में पड़ गए ना... लेकिन ये सच है.

अमर प्रेम का साक्षी है 'रूपमती का किला'

बता दें कि इमारत की बनावट और कारीगरी संगमरमर की तो नहीं, लेकिन इसे बनाने की असली वजह प्रेम है... शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया तो मध्य प्रदेश के मांडू राजा बाजबहादुर ने रानी रूपमती के प्रेम में 'रूपमती महल' का निर्माण कराया... यह किला अमर प्रेम का साक्षी है. इस किले को रानी रूपमती मंडप भी कहते हैं.

3500 फीट ऊंचे झरोखे से 'नर्मदा के दर्शन' करती थीं रानी

कहा जाता है कि रानी रूपमती हर दिन नर्मदा के दर्शन के बाद ही अन्न ग्रहण करतीं थी. किले से नर्मदा की दूरी ज्यादा थी... ऐसे में रानी रूपमती की खातिर राजा बाजबहादुर ने 3500 फीट ऊंची पहाड़ी पर महल बनवाया. जिसके बाद रानी रूपमती झरोखे से नर्मदा के दर्शन कर अन्न ग्रहण करने लगी. बता दें कि किले पर मंडप से नर्मदा एक पतली धार जैसी नजर आती है. 

ऐतिहासिक इमारत के बीच आज भी गूंजती है प्रेम कहानी

वहीं रानी की रक्षा के लिए राजा ने कुछ ही दूरी पर महल भी बनवाया था... रानी रूपमती महल और बाज बहादुर के महल की ये संरचनाएं एक कालातीत प्रेम कहानी के मूक गवाह हैं... महल की वास्तुकला मुगल और मालवा शैलियों का मिश्रण है, जो मांडू की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश करती हैं. 

कैसे पहुंचे 'रूपमती महल' तक

दरअसल, मांडू में राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के महल देखने लायक हैं. मांडू से राष्‍ट्रीय राजमार्ग और राज्‍य राजमार्ग दोनों ही जुड़े हुए हैं. मांडू, इंदौर और धार से अच्‍छी तरह कनेक्‍ट है. मांडू से इंदौर और धार के लिए बसें भी चलती हैं. या इसके अलावा आप कार से भी जा सकते हैं. बता दें कि मांडू से रूपमती महल की दूरी 3.5 किलोमीटर है. हालांकि आप हवाई मार्ग के जरिए भी जा सकते हैं. इंदौर के रास्‍ते से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है.

मांडू से 100 किमी की दूरी पर इंदौर एयरपोर्ट स्थित है. इस एयरपोर्ट से भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें भरी जाती हैं, जिनमें दिल्‍ली, मुम्‍बई, ग्‍वालियर और भोपाल शामिल है.

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