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ये कैसी लापरवाही! जिंदा युवक को पंचायत सचिव ने कागजों में मार दिया, नहीं हो पा रहा है अब स्कूल में एडमिशन

Singrauli: खुद को जिंदा साबित करने के लिए छात्र व उसके परिजन बीते एक साल से कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहें हैं. लेकिन इसके बावजूद भी वो सरकारी कागजों में छात्र जिंदा नही हो पाया. पंचायत सचिव की एक बड़ी लापरवाही ने छात्र के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ किया है.

ये कैसी लापरवाही! जिंदा युवक को पंचायत सचिव ने कागजों में मार दिया, नहीं हो पा रहा है अब स्कूल में एडमिशन
Singrauli News: पंचायत सचिव की बड़ी लापरवाही आई सामने

Madhya Pradesh News: एक कहावत है कि जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली जिले (Singrauli) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक छात्र जिंदा होकर भी सरकारी कागजों में जिंदा नहीं है. दरअसल जिले के देवसर जनपद के ग्राम पंचायत जोबगड में सचिव ने एक जिंदा युवक को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया. जिससे उसे किसी स्कूल में एडमिशन ही नहीं मिल पा रहा है. पंचायत सचिव की लापरवाही से इस छाई की पढ़ाई खतरे में पड़ गई है.

किसी स्कूल में नहीं हो रहा एडमिशन

शिक्षा केवल एक इंसान के ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के विकास में योगदान देती है. बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर ही एक राष्ट्र की मजबूत नींव तैयार की जा सकती है. केंद्र व राज्य की सरकार भी शिक्षा पर विशेष फोकस कर रही है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उर्जाधानी सिंगरौली जिले (Singrauli) के एक गांव की तस्वीर आपको हैरान कर देगी. जहां ग्राम पंचायत के सचिव की लापरवाही से छात्र शिक्षा से वंचित रह गया. उसका किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं हो रहा है.

जानिए आखिर क्या है इसकी वजह 

समग्र पोर्टल पर भी सचिव ने युवक को मृत घोषित कर दिया. जिस वजह से छात्र का अब किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं हो रहा है. खुद को जिंदा साबित करने के लिए छात्र व उसके परिजन बीते एक साल से कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहें हैं. लेकिन इसके बावजूद भी वो सरकारी कागजों में जिंदा नही हो पाया है. पंचायत सचिव की एक बड़ी लापरवाही ने छात्र के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ किया है. छात्र और उसके परिजन पिछले एक साल से स्कूल में दाखिला पाने के लिए भटक रहे हैं लेकिन स्कूल वाले यह कह देते हैं कि छात्र को मृत दिखा दिया गया है. जबकि छात्र खुद जीवित है और एडमिशन पाने के लिए दर-दर भटक रहा है. जिसके लिए वो सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहा है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

समग्र पोर्टल पर भी जिंदा छात्र है मृत घोषित

बताया जा रहा है कि जयंतीलाल विश्वकर्मा जिसके पिता का नाम अरुण विश्वकर्मा है वो ग्राम खेखड़ा का निवासी है. ग्राम पंचायत सचिव ने जयन्तीलाल को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया था. सरकारी कागजों में सचिव ने जयन्तीलाल को 11 नवम्बर 2022 में मृत घोषित कर दिया था. समग्र पोर्टल पर भी जिंदा छात्र मर चुका है. अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए जयन्तीलाल कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहा है, ताकि उसका वह पढ़ सके.

क्या कहते है अधिकारी

वहीं जब इस मामले में NDTV के टीम ने सिंगरौली जिलाधिकारी चंदशेखर शुक्ला ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से हमे यह जानकारी मिली है. मामले की जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. छात्र अब शिक्षा से वंचित नही रहेगा.

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