Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में प्रेम में डूबी 15 वर्षीय लड़की और 19 वर्षीय लड़के के बाल- विवाह के खुलासे के बाद सात लोगों पर गुरुवार को मामला दर्ज किया गया. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. उनमें वर, वर-वधू के माता-पिता, एक रिश्तेदार और शादी कराने वाला पुरोहित शामिल हैं.
24 अप्रैल को कराई गई थी शादी
उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग की जांच में पता चला कि शहर में 15 वर्षीय लड़की और 19 वर्षीय लड़के की शादी हिंदू रीति-रिवाज से 24 अप्रैल को कराई गई थी और इसमें वर-वधू के सगे-संबंधी भी शामिल हुए थे.
सात लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
उन्होंने बताया कि इस गैर कानूनी विवाह के कारण वर, वर-वधू के माता-पिता और शादी कराने वाले पुरोहित समेत सात लोगों पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. बाल विवाह के खिलाफ प्रदेश सरकार ‘‘लाडो अभियान'' चलाती है. इस मुहिम के उड़नदस्ते से जुड़े महेंद्र पाठक ने बताया, ‘‘बालिका वधू के पिता ने हमसे कहा कि उनकी बेटी और 19 वर्षीय लड़के के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग था. इस व्यक्ति के मुताबिक उनकी बेटी ने अपने परिजनों को धमकी दी थी कि अगर प्रेमी के साथ उसकी शादी नहीं कराई गई, तो वह खुदकुशी कर लेगी.''
दो साल की हो सकती है सजा
देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.
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