Ram Mandir Ayodhya Inauguration: 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या (Shri Ram Janmbhoomi Mandir Ayodhya) में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा (Prana Pratishtha) समारोह के कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. 22 जनवरी को लेकर देश में ऐसा उत्साह है जो आजादी के बाद कभी देखने नहीं मिला. समितियां संस्थाएं और धार्मिक संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर बड़े आयोजन कराने की तैयारी कर रही हैं. जहां एक तरफ उत्साह है तो वहीं पूरे देश में एक साथ आयोजनों की श्रृंखला शुरू हो जाने से कई लोगों को निराशा हाथ लग रही है. क्योंकि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण (Live Telecast of Prana Pratishtha Event) के लिए एलईडी स्क्रीन (LED Screen) नहीं मिल रही हैं.
क्या कह रहे हैं सर्विस प्रोवाइडर?
जबलपुर की एक बड़ी एलईडी स्क्रीन रेंटल कंपनी जीवीपी वीडियो के डायरेक्टर मनोज सिंह रघुवंशी 'बबलू' बताते हैं कि 20 तारीख से ही उनके पास एलईडी की बुकिंग हैं. अभी भी बुकिंग बहुत ज्यादा आ रही हैं.
बबलू बताते हैं कि पहले जब भी कभी उन्हें बड़ी संख्या में एलईडी की आवश्यकता होती थी तो वह आसपास के शहरों से एलईडी मंगा लिया करते थे, लेकिन इस बार छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक हर जगह एलईडी स्क्रीन की इतनी मांग है कि कोई भी LED देने के लिए तैयार नहीं है.
एक महीने पहले से हो गई थी बुकिंग
एलईडी किराए पर देने वाले एक और बड़े व्यापारी महफूज अहमद बताते हैं कि हर व्यक्ति यह चाह रहा है कि उसे बड़ी से बड़ी साइज की एलईडी मिल जाए, लेकिन यह हमारी मजबूरी है कि हम 8X12 फुट से बड़ी एलइडी लगाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को एलईडी की आवश्यकता है. महफूज का कहना है कि हमें बेहतर कीमत भी मिल रही है. यहां पता चला कि उनकी एलईडी एक महीने पहले ही बुक हो गई थी.
लाइट्स और झालर भी नहीं मिल रहे हैं
जबलपुर में लाइट एंड साउंड के बड़े व्यवसायी हरेंद्र डेकोरेटर के राहुल यादव का कहना है कि एक तरफ हमें नगर निगम की तरफ से शहर के सभी प्रमुख चौराहों और मार्गों को सजाने का आर्डर मिला है, तो वहीं दूसरी तरफ लोग अपने व्यावसायिक स्थल, मोहल्ले और घरों को भी सजना चाह रहे हैं. राहुल का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या काम करने वाले लेबर स्टाफ की है यदि हम झालर की व्यवस्था कर भी लें तो लगने वाले नहीं हैं.
साउंड सिस्टम कहां से लाएं?
किसी भी कार्यक्रम में सबसे आवश्यक उपकरण साउंड सिस्टम है, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले माइक साउंड सेट की बुकिंग पहले ही हो चुकी है. अब जिन लोगों ने देर से कार्यक्रम बनाए हैं, उन्हें ना तो लाइट मिल रही ना साउंड सिस्टम और ना ही एलईडी स्क्रीन.
टेंट के व्यापारी भी परेशान
टेंट का व्यवसाय करने वाले मोहित ओबेरॉय का कहना है कि लगभग सभी बड़े मंदिरों में पंडाल लगाए जा रहे हैं. छोटे बड़े 1600 पंडालो की मांग हमारे एसोसिएशन के पास आयी है, जिसकी डिमांड पूरी करना संभव नहीं है. 100 से लेकर 1000 कुर्सी तक की मांग भी हमारे पास है.
22 जनवरी के कार्यक्रम की तैयारी जिन समितियां ने पहले कर ली थी वह अब बहुत खुश हैं, लेकिन जिन समितियों या व्यक्तिगत लोगों ने बाद में इस विषय में विचार किया वह परेशान हो रहे हैं. उन्हें कहीं से भी कुछ पर नहीं मिल नहीं रहा है. और तो और ज्यादा रकम चुकाने के बाद भी सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
यह भी पढ़ें: श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर डाक टिकट जारी, PM मोदी ने कहा-ये केवल कागज का टुकड़ा नहीं, इतिहास की किताब