
Janmashtami 2025: भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति के कई अनोखे रूप देखने को मिलते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के सागर में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु आज भी कन्हैया को चिट्ठी लिखकर अपनी मनोकामना पूरी करने की अर्जी लगाते हैं. यह अनोखा मंदिर सागर की ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील के तट पर स्थित है और लगभग 350 साल पुराना बताया जाता है.
1655 ईसवीं में बना था मंदिर
मंदिर के व्यवस्थापक गोविंद दत्तात्रेय आठले के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 1655 ईसवीं में मराठा शासनकाल के दौरान कराया गया था. खास बात यह है कि यह मंदिर एक कुएं के ऊपर बना हुआ है और भगवान श्रीकृष्ण के चरणों को अप्रत्यक्ष रूप से कुएं का जल स्पर्श करता है. मंदिर की सबसे बड़ी परंपरा है—चिट्ठी लिखने की.
आस्था का बड़ा केंद्र
भक्तजन अपनी इच्छाएं और समस्याएं कागज पर लिखकर कन्हैया के चरणों में समर्पित करते हैं. इसे गोपियों की भक्ति का प्रतीक माना जाता है और श्रद्धालु विश्वास करते हैं कि इस माध्यम से उनकी अर्जी सीधे भगवान श्रीकृष्ण तक पहुंचती है.सदियों पुरानी इस परंपरा ने इस मंदिर को पूरे बुंदेलखंड में ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में आस्था का एक विशेष केंद्र बना दिया है.
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