
Shivpuri News MP: देश में गाय और गोवंश के नाम पर राजनीति (Cow Politics) तो खूब होती है. हालत ये है कि जगह-जगह लोगों की गोवध के नाम पर लिंचिंग (Mob Lynching) कर मौत के घाट उतार दिया जाता है, लेकिन, जमीनी हकीकत इससे उलट है. थोड़ा सा खेतों में नुकसान होने पर लोग हैवान बन जाते हैं और गोवंशों को न सिर्फ पुरी तरह पीटा जाता है, बल्कि जगह-जगह बिना खाना पानी के इन बेजुबान जानवरों को बंधक बनाकर छोड़ दिया जाता है. जहां ये बेजुबान तड़प-तड़प कर मौत को गले लगाने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसी ही एक दुखद घटना मध्य प्रदेश के शिवपुरी के जंगल से सामने आई है, जहां 200 से ज्यादा गोवंशों के शव मिलने से हड़कंप मच गया है. आशंका है कि इन गोवंशों को शहर से लाकर जंगल में छोड़ा गया था, जहां उनकी मौत हो गई. हालांकि, जांच के बाद ही घटना की असल सच्चई सामने आ पाएगी
प्रशासन के पास नहीं है कोई जवाब
शिवपुरी जिले के करैरा तहसील अंतर्गत आने वाले सिलारपुर ग्रामीण क्षेत्र से लगे जंगल में 200 से ज्यादा गोवंश के शव बरामद किए गए हैं. बड़ी तादाद में जंगल में इधर-उधर बिखरे पड़े गोवंशों के ये शव कुछ दिन पुराने हैं. ऐसे ये बड़ा सवाल है कि आखिर गोवंशों के ये शव यहां कहां से और कैसे आए हैं और इन गोवंशों की मौत कैसे हुई. हालांकि, इसको लेकर प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है. प्रशासन इस मामले में जांच की बात कह रहा है. इस बीच इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इन गोवंश को शहर से लाकर यहां छोड़ गया था या फिर शहर की गौशालाओं में हुई मौत के बाद इन्हें यहां डाला गया है, लेकिन जंगल के बीचों बीच मौजूद इन शवों की मौजूदगी कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर रही है.
वन विभाग है अनजान
जंगल के बीचो-बीच मिले बड़ी तादाद में मिले गोवंश के शव से वन विभाग भी कटघरे में आ गया है. आखिर, कैसे इतनी बड़ी तादाद में यहां गोवंशों के शव पहुंच गए और अगर शब पहुंचे हैं, तो फिर इसकी जानकारी वन विभाग को कैसे नहीं लगी, फिलहाल, इस संबंध में वन विभाग का कुछ भी कहना नहीं है और वह चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस मामले की कहीं न कहीं जांच जरूर किए जाने की जरूरत है.
जांच में जुटी पुलिस
शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जंगलों में बड़ी मात्रा में मिले गोवंश के शव का मामला जैसे ही सामने आया, इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई. पुलिस का कहना है कि वह जांच पड़ताल कर रही है. फिलहाल, यह नहीं लगता कि इतने सारे गोवंश की एक साथ मौत हुई है. पुलिस कह रही है के आसपास रहने वाले लोगों के द्वारा गोवंश को यहां डंप किया जा रहा होगा, लेकिन जंगल में क्यों और कैसे डंप किया गया इसका सवाल उनके पास भी नहीं है.
भारी दुर्गंध के बीच डंप करना है नामुमकिन
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह का जो मामला जंगल से सामने आया है, वह एक-एक कर ऐसा करना संभव नहीं है. ग्रामीण कहते हैं कि जिधर देखो वहां सिर्फ गोवंश के ही शव बिखरे पड़े हैं. यहां भारी दुर्गंध के बीच संभव नहीं है कि एक आदमी एक या दो गोवंश को ले जाकर वहां डंप किया होगा. लोगों का कहना है कि इस इलाके में जिस तरह से यहां गोवंशों के शव बिखरे पड़े हैं. उन्हें देखकर साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि मामले की एक बड़ी जांच होना चाहिए.
डेयरी विभाग के एमसी ने ये कहा
इतनी बड़ी संख्या में गोवंशों की मौत के मामले का सामने आना न सिर्फ कई बड़े प्रश्न खड़े कर रहा है, बल्कि सिस्टम को भी कटघरे में खड़ा करता हुआ दिखाई दे रहा है. इस मामले में डेयरी विभाग के संचालक एमसी तमौरी का कहना है कि मृत गोवंश किसी गौशाला का नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि गौशाला का नहीं है तो किसका है, तो इसका जवाब वे भी नहीं दे पाए. बस जांच की दुहाई देते नजर आए.