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MP में भी कमाल होता है ! एक घंटे में अफसर खा गए 12kg ड्राय फ्रूट्स, 30kg नमकीन

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में हाल ही में सामने आए स्कूल पेंट घोटाले की स्याही सूखी भी नहीं थी कि अब जल गंगा संवर्धन अभियान में काजू-बादाम घोटाले की एक नई इबारत लिख दी गई है. यहां अफसरों को एक घंटे में करीब 24 हजार रुपये के ड्राय फ्रूट्स परोस दिए गए

MP में भी कमाल होता है ! एक घंटे में अफसर खा गए 12kg ड्राय फ्रूट्स, 30kg नमकीन

Shahdol Cashew-Almond Scam: शहडोल जिले से बीते दिनों आई एक खबर ने सुर्खियां बटोरी थी- 4 लीटर पेंट से पुताई में 200 से ज्यादा श्रमिक लगे. करप्शन के इस कहानी की गूंज अभी ठंडी भी नहीं पड़ी कि अब नया 'घपला' सामने आ गया है. दरअसल शहडोल में अब जल बचाने अभियान के तहत जुटे अफसरों ने सिर्फ एक घंटे में 12 किलो ड्राय फ्रूट्स और 30 किलो नमकीन चट कर दिए हैं. मतलब जल संरक्षण पर सरकारी बैठक हो और उसमें बादाम, काजू, किशमिश की नदियां बह जाएं — तो सवाल उठता है कि ये योजना थी या जलपान यज्ञ? अब इस पर सवाल उठे तो सरकारी मशीनरी कह रही है कि जांच होगी. 

बता दें कि ये मामला है शहडोल जिले के गोहपारू ब्लॉक की भदवाही ग्राम पंचायत का, जहां जलगंगा संवर्धन अभियान के तहत 25 मई को झुंझा नाला के स्टॉप डैम पर जल चौपाल का आयोजन हुआ. इस आयोजन में कलेक्टर, तमाम अधिकारी और ग्रामीणों ने मिलकर बोरी बंधान किया, पसीना बहाया और श्रमदान का फोटो खिंचवाया. लेकिन असली जलप्रवाह तो बाद में शुरू हुआ जब पंचायत ने इस जल अभियान को ‘मेवा अभियान' बना दिया.अधिकारियों की आवभगत में 5-5 किलो काजू-बादाम, 3 किलो किशमिश, बिस्किट, नमकीन, दूध, चाय, केला, अनार, सेव, अंगूर, चावल, तेल और घी का जो स्वागत पैकेज तैयार किया गया, उसका सरकारी बिल बना दिया गया पूरे 24 हजार रुपये का. अकेले काजू, किशमिश और चाय-नाश्ते में 19 हजार रुपये फूंक दिए गए और बाकी 5 हजार फल, चावल, तेल-घी में जोड़ दिए गए. जल संरक्षण की इस थाली में स्वाद तो भरपूर था लेकिन पारदर्शिता नदारद थी. 

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बहरहाल अब मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत के एडिशनल CEO मुद्रिका सिंह कह रहे हैं कि अगर ऐसा हुआ तो जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई भी होगी. लेकिन सवाल ये है कि जिस देश में एक कुपोषित बच्चे पर रोज़ का खर्च है सिर्फ ₹8 — वहां ऐसे राजसी भोज पर सवाल उठना तो लाजिमी ही है. क्योंकि,अगर यही ₹24,000 किसी कुपोषित गांव में लग जाए, तो भरपूर मात्रा में दाल, अंडा, दूध और थोड़ी इंसानियत भी लौट आए.  

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बच्चों की थाली में सब्जी के नाम पर पीला पानी

अब आपने अफसरों की ड्राय फ्रूट्स वाली पार्टी तो जान ली अब इसी जिले की एक दूसरी खबर पर भी ध्यान दीजिए. शहडोल  जिले के ब्यौहारी ब्लाक के बराबघेलहा गांव में मौजूद माध्यमिक विद्यालय में मासूम बच्चों को मिड ले मिल में सब्जी के नाम पर पानी परोसा जा रहा है. इसकी जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि पीले रंग का पानीदार सब्जी बच्चों को परोसा जा रहा है.

शहडोल के ही बराबघेलहा गांव में मौजूद माध्यमिक विद्यालय में मासूम बच्चों पानीदार सब्जी परोसी जा रही है

शहडोल के ही बराबघेलहा गांव में मौजूद माध्यमिक विद्यालय में मासूम बच्चों पानीदार सब्जी परोसी जा रही है

हमारे संवाददाता के मुताबिक पानी युक्त इस सब्जी में कहीं-कहीं आलू के टुकड़े भी बड़ी मुश्किल से दिखाई दिए. इस प्राइमरी स्कूल में पहली से लेकर 8वीं क्लास तक बच्चे पढ़ते हैं. जब NDTV ने जिम्मेदार अफसरों से इस मसले पर सवाल पूछा तो उनका वही रटा-रटाया जवाब मिला- हम जांच करेंगे और कार्रवाई भी करेंगे. ऐसे में ये आंकड़े नहीं — सवाल हैं, ये सवाल तब खड़े होते हैं जब अफसर की प्लेट में 5 किलो किशमिश तैरती है, और बच्चों की थाली में शर्म, भूख और हवा ही बचती है और हर सरकारी जवाब में वही राग अलापा जाता है— “जांच होगी…”

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