
Sehore : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की आष्टा तहसील के तहत ग्राम भंवरा में एक मामला सामने आया है. इसमे अहस्तांतरणीय भूमि खरीद फरोख्त के बाद नामांतरण भी हो गया. इस पूरी प्रक्रिया में संबंधित हल्के के पटवारी की संलिप्तता उजागर हुई है. इसके चलते अनुविभागीय अधिकारी आष्टा ने हल्का पटवारी को निलंबित कर दिया है, और इस प्रकरण में जांच चल रही है. जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला आष्टा तहसील के ग्राम भंवरा का है. इसमें हल्का पटवारी विजय प्रजापति द्वारा साइबर तहसील ऑनलाइन प्रक्रिया में कूटरचित तरीके से अपने प्रतिवेदन लगाए.
नियमों की उड़ाई गईं धज्जियां
नियमों का उल्लंघन कर शासन को हानि पहुंचाई. पटवारी ने शासकीय भूमि खसरा नम्बर 46, भूमि खसरा नम्बर 57 एवं भूमि खसरा नम्बर 73 स्थित ग्राम भंवरा अहस्तांतरणीय भूमि को सायबर 1.0 में 05 प्रकरणों में पट्टे की भूमि अपने प्रतिवेदन लगाए, जिनकी खरीदी बिक्री की गई. बाद में इन जमीनों के नामांतरण भी जबकि यह भूमि अहस्तांतरणीय थी.
प्रारंभिक जांच में प्रारंभिक रूप से दोषी पाये जाने एवं अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, पद के दुरुपयोग एवं कदाचार का प्रारंभिक रूप से दोषी पाये जाने के बाद पटवारी विजय प्रजापति हल्का भंवरा तहसील आष्टा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया.
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जानें क्या बोले- अनुविभागीय अधिकारी
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी आष्टा स्वाती मिश्रा ने बताया कि सायबर तहसील प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ी पाई गई थी, विभागीय जांच चल रही है. ग्राम भंवरा के हल्के में पांच प्रकरणों में खरीदी बिक्री सामने आई है, हल्का पटवारी को निलंबित कर दिया गया. अन्य खातों की भी जांच चल रही है. 2010 से लेकर अभी तक जितने भी पट्टे वितरित किए गए हैं. ऐसे प्रकरण की विभागीय जांच की जा रही है. आष्टा क्षेत्र के कई खातों की जांच की जाएगी.
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