ग्वालियर की एक नगर पालिका की लापरवाही ने दो सगी बहनों की जान ले ली. जिले की डबरा तहसील के पिछोर कस्बे में एक गड्ढे में भरे पानी मे डूबने से दो बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई. चौंकाने वाली बात ये कि ये बच्चियां जिस गड्ढे में डूबीं उसे नगर पालिका ने खोदकर खुला छोड़ दिया था. यानी नगर पालिका की घोर लापरवाही की वजह से दो मासूम बच्चियों की जान चली गई.
बारिश से भर गया था पानी
डबरा इलाके के पिछोर कस्बे में कुछ देर की बारिश से एक परिवार की जिंदगी उजड़ गई. बारिश से घर के पास ही एक गड्ढे में पानी भर गया था. वहां खेलते हुए 10 साल की संजना उसमें गिर गई, उसे बचाने उसकी बड़ी बहन नंदनी भी इस गड्ढे में कूद गई. गड्ढा इन दोनों बच्चियों को देखते हुए काफी गहरा था, नंदनी की उम्र भी मजह 12 साल की थी.
कुछ ही देर में दोनों बहनें गड्ढे में डूब गई और दोनों की मौत हो गई. घटना के समय बच्चियों के मां-पिता काम पर गए हुए थे जब वो घर लौटे तो बच्चे घर पर नहीं मिले. ढूंढने पर देखा कि घर के पास के गड्ढे के पास उनका बेटा रो रहा था. फिर पुलिस को बुलाया गया और गोताखोरों की मदद से दोनों बच्चियों के शवों को बाहर निकाला गया.
घर मे अकेले थे बच्चे
जानकारी के अनुसार डबरा देहात के पिछोर में पानी की टंकी के पास रहने वाले राकेश जाटव एक प्राइवेट फर्म पर काम करता है. शुक्रवार को राकेश अपने बड़े बेटे के साथ काम पर गया था. घर पर उसकी पत्नी अंगूरी बाई, बेटियां नंदनी, संजना और 5 साल का बेटा घर में अकेले था. शाम को अंगूरी बड़ी बेटी नंदनी को घर छोड़कर कुछ सामान लेने बाजार चली गई थी. मां के जाते ही तीनों बच्चे खेलने के लिए घर से बाहर चले गए.
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पैर फिसलने से गड्ढे में गिरी संजना
घर के पास ही एक गड्ढा था जिसमें बारिश का पानी भर गया था, खेलते-खेलते संजना का पैर फिसल गया और वो गड्ढे में गिर गई, वह पानी से भरे गड्ढे में डूबने लगी छोटे भाई ने संजना को डूबते देखा तो बड़ी बहन नंदनी को बताया. बहन को बचाने नंदनी ने पानी में छलांग लगा दी लेकिन पर उसे तैरना नहीं आता था, वो अपनी बहन की जान तो बचा ही नहीं सकी उसकी जान भी चली गई.