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This Article is From Feb 25, 2025

सीहोर में कलेक्ट्रेट के निर्देशों की अवहेलना कर रहे सचिव, पंचायतों में जनसुनवाई के दिन रहते हैं गायब

MP News in Hindi: सीहोर जिले में पंचायतों में जनसुनवाई कैंप नहीं लग पा रहे हैं. कलेक्टर बालागुरू के ने स्पष्ट निर्देश दिए थे, लेकिन पंचायतों से सचिव नदारद रहते हैं.

सीहोर में कलेक्ट्रेट के निर्देशों की अवहेलना कर रहे सचिव, पंचायतों में जनसुनवाई के दिन रहते हैं गायब

Sehore News: सीहोर के कलेक्टर बालागुरू के ने सभी एसडीएम, विकासखण्ड और ग्राम पंचायत स्तर पर हर मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर का निर्देश पंचायतों में बैठे जिम्मेदार नहीं मान रहे हैं. जनसुनवाई के दिन पंचायतों में सचिव, रोजगार सहायक और अन्य जिम्मेदार नदारद रहते हैं. कई पंचायत भवन में ताले लटके हुए हैं. ऐसे में लोगों कई किमी दूर से सीहोर मुख्यालय अपनी समस्याएं लेकर आते हैं, लेकिन कुछ भी हल नहीं होता है. इससे लोगों का वक्त और रुपया खराब होता है.

जनसुनवाई व्यवस्था पर कलेक्टर के निर्देशों की जमीनी हकीकत एनडीटीवी ने जानी. सीहोर कलेक्टर बालागुरू के ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अपनी पंचायतों और अनुभागों में जनसुनवाई करें. लोगों की शिकायतें सुनें और उनका उचित निराकरण करें, जिससे लोगों का परेशान होकर मुख्यालय तक न आना पड़े, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों को जिम्मेदार हवा में उडा रहे हैं.

पंचायतों में लगे थे ताले

जनसुनवाई के समय पंचायतों में कहीं ताले लगे थे तो कहीं सचिव, रोजगार सहायक लापता थे. ग्रामीणों से बात करने पर उनका कहना था कि मंगलवार को जनसुनवाई की व्यवस्था तो है, लेकिन सचिव या जिम्मेदार पंचायतों में बैठते ही नहीं.

सीहोर जनपद पंचायत के तहत आने वाली पंचायत बिजोरी में जनसुनवाई के समय सचिव, रोजगार सहायक अनुपस्थित थे और कार्यालय ऑफिस बॉय के भरोसे था.

सरकार की योजनाओं की भी नहीं देते जानकारी

ग्राम पंचायत कोडिया छीतू के पंचायत भवन में ताला लटका था. ग्रामीणों ने बताया कि सचिव दूसरे गांव का है, जो कभी आता है और कभी नहीं आता. यहां मनमाने तरीके से काम चलता है और लोग परेशान होते हैं. शासन की योजनाओं की सही जानकारी भी सचिव और रोजगार सहायक नहीं देते हैं. गांव में अनेकों समस्याएं हैं, मजबूरन मुख्यालय जाना पड़ता है.

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कई किमी दूर से आते हैं लोग

ऐसे में लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर की जन सुनवाई में जाना पड़ता है. कलेक्ट्रेट में अपनी शिकायत लेकर 100 किमी दूर रेहटी तहसील के ग्राम आंवली घाट पहुंचे लखन मेहरा ने बताया कि जमीन की नकल निकलवाने के लिए दो महीने से परेशान हो रहे हैं, लेकिन नकल नहीं मिल रही है.

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