छिंदवाड़ा के पांढुरना के सीएम राइज स्कूल में छात्रों को तिलक लगाकर स्कूल आने पर पाबंदी लगाने की बात सामने आई है. जिसके बाद माहौल अचानक गर्म हो गया है. लोग इस तरह की पाबंदी को सनातन संस्कृति पर प्रहार बात रहे हैं.
हनुमान चालीसा के पाठ पर भी पाबंदी का आरोप
दरअसल,11वीं के छात्र प्रांजल धुमाल का आरोप है कि तीन दिन पहले स्कूल उज्जैंकर मैडम ने कुछ बच्चों के तिलक मिटाए और सजा के तौर पर इन बच्चों बाहर निकाल दिया था.इस दौरान 10वीं के दिव्यांशु चौरे और अंशुल बाल पांडे को तिलक लगाकर आने पर क्लास रूम से बाहर का दिया था. इसके अलावा पहले छात्र 15 मिनिट की छुट्टी में शांतिपूर्ण ढ़ंग से हनुमान चालीसा का पाठ करते थे. कुछ दिनों बाद हनुमान चालीसा के पाठ पर भी प्रबंधन द्वारा पाबंदी लगा दी गई.
एबीवीपी ने विरोध जताते हुए एक्शन की मांग की
एबीवीपी और छत्रपति शिवाजी समिति ने स्कूल प्रबंधन की इस बात के विरोध दर्ज कराया है. इसके साथ ही घटना के विरोध में एबीवीपी और छत्रपति शिवाजी समिति ने स्कूल के प्राचार्य और एसडीएम से शिकायत की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.
स्कूल के प्रिंसिपल ने तिलक पर पाबंदी की बात को नकारा
वहीं, इस मामले को लेकर प्रिंसिपल चंद्र शेखर बरेठ ने कहा कि स्कूल में तिलक पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है. हमारे यहां सरस्वती पूजन में सभी को तिलक लगाया जाता है. स्कूल में अगर किसी टीचर ने छात्र को तिलक लगाकर स्कूल आने पर पाबंदी लगाई है तो टीचर से इसका कारण पूछा जायेगा.