
Scam exposed : रीवा के शिक्षा विभाग में एक के बाद एक घोटाले निकाल कर सामने आ रहे हैं. सबसे आसान है, अनुकंपा नियुक्ति से घोटाला करना, फर्जी कागजात बनाना, और नियुक्ति पा लेना. पिछले लंबे समय से न जाने कितने इस तरीके की फर्जी नियुक्तियों पा चुके होंगे. और नौकरी भी कर रहे होंगे.
दरअसल, मामला खुला पिछले दिनों एक ऐसी नियुक्ति का, जिसमें एक व्यक्ति जिसका नाम बृजेश कोल था, ने मां की मौत के कागजात बनवाये नियुक्ति पाली थी. जांच में खुलासा हुआ था, मां ने कभी शिक्षा विभाग में नौकरी ही नहीं की थी.वहीं दूसरी ओर बृजेश कोल उसका बेटा ही नहीं था. इस तरीके की अनोखी अनुकंपा नियुक्ति शिक्षा विभाग ही दे सकता था. उसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने तीन लोगों की एक कमेटी बनाई, और जांच प्रारंभ करवा दी.
10 फर्जी मामले निकाल कर सामने आए

पिछले एक साल में 36 अनुकंपा नियुक्तियां हुई थी, सभी को नोटिस दी गई, और कागजात सहित जिला शिक्षा कार्यालय बुलाया गया, लेकिन 10 नहीं पहुंचे, उनके कागजात बारीकी से चेक किए गए, जिसमें पांच पूरी तरीके से फर्जी निकले,ओमप्रकाश कोल सुषमा कोल, विनय रावत, उषा देवी, और हीरामणि कोल, इस तरीके से 10 फर्जी मामले निकाल कर सामने आए, जिनकी पदस्थापना तिघरा में एक, बीड़ा में एक, अटरिया में दो, सेमरिया में एक, गंगेव में दो, नियुक्तियां संदिग्ध थी, वहीं दूसरी और शिक्षा विभाग में लगातार फर्जी नियुक्तियों के मामले खुलने से हड़कंप मचा हुआ है.
कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए, जिला शिक्षा अधिकारी को पुलिस में मामला दर्ज करने की बात कही थी. वहीं, जिला शिक्षा विभाग के दफ्तर में संबंधित बाबू को भी निलंबित कर दिया गया. साथ ही विवेचना अधिकारी अनुकंपा नियुक्ति और जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता को भी घोर लापरवाही बरतने के आरोप में स्पष्टीकरण मांगते हुए, कमिश्नर रीवा की ओर आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित किए गए हैं.
पहले भी आए हैं इस तरह के मामले
इसके पूर्व भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कई घोटाले निकलकर सामने आए थे. जिसमें एक ही परिवार के भाई-बहन दोनों को अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई थी. एक को कन्या गंगेव में, तो दूसरे को प्रवीण कुमारी सांदीपनि विद्यालय में, भाई अंजेश रावत पिता रामसखा रावत 2023 में पीके स्कूल में नियमानुसार नियुक्ति प्रदान की गई. और उसकी सगी बहन साधना कोल पिता राम सखा रावत को तत्कालीन डी ओ गंगा प्रसाद उपाध्याय ने मार्च 2024 में कन्या गंगेव में नियुक्ति दे दी थी. इसी तरीके से सुषमा कोल पिता श्यामलाल कोल को अप्रैल 2025 में बालक गंगेव में नियुक्ति दी गई. जिसमें श्यामलाल कोल को त्योंथर में शिक्षक बताया गया था, जबकि इस नाम का कोई शिक्षक वहां पदस्थ ही नहीं था सुषमा कोल से उसके पिता श्यामलाल के बारे में जानकारी मांगी गई तो, उसने स्कूल आना बंद कर दिया था.
साधना कोल की नियुक्ति वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता के पहले के जिला शिक्षा अधिकारी ने की थी. इसका सीधा सा अर्थ है, यह गिरोह लंबे समय से कम कर रहा है. पूरे मामले को लेकर NDTV ने जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता, कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल, और एडिशनल एसपी आरती सिंह से बात की.
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जानें क्या बोलीं डीएम प्रतिभा पाल

प्रतिभा पाल (कलेक्टर रीवा) कहती हैं कि यह विषय संज्ञान में आया था. जांच में पाया गया कि कुछ नियुक्तियां संदिग्ध पाई गईं. जब उनकी जांच की गई तो पता चला सही नियमों का पालन नहीं किया गया.गलत दस्तावेजों के माध्यम से अनुकंपा नियुक्तियां आरोपियों ने प्राप्त की थी. कार्रवाई के लिए हमने वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव प्रेषित किया है. साथ ही अन्य मामलों का परिक्षण भी करवाया जा रहा है.
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बाइट - - सुदामा गुप्ता जिला अधिकारी, रीवा प्रतिभा पाल कलेक्टर रीवा, आरती सिंह एडिशनल एसपी,