
नवरात्रि पर्व पर जहां पूरा शहर भक्ति और उत्साह में डूबा हुआ है, वहीं सागर की महिला चिकित्सक डॉ. वंदना गुप्ता ने समाज सुधार की दिशा में एक अनोखी पहल की है. उनकी इस पहल को लेकर पूरे शहर में चर्चा हो रही है. दरअसल, डॉ. गुप्ता इन दिनों जगह-जगह जाकर लोगों को "मां-बहन की गाली" न देने की शपथ दिला रही हैं. उनका कहना है कि ऐसी गालियां न केवल अनावश्यक विवादों को जन्म देती हैं, बल्कि समाज में गलत और बलात्कारी सोच को भी बढ़ावा देती हैं.
डॉ. गुप्ता का मानना है कि अगर कोई सच में नवरात्रि में माता की भक्ति करना चाहता है तो सबसे पहले उसे मां-बहन से जुड़ी गालियों का प्रयोग बंद करना होगा. यही सच्ची भक्ति और स्त्रियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है.
यही नहीं, डॉ. गुप्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखकर यह मांग भी की है कि जिस तरह सार्वजनिक स्थानों पर नो पार्किंग और नो स्मोकिंग के बोर्ड लगाए जाते हैं, उसी तरह नो एब्यूज (गाली बंद) के बोर्ड भी लगाए जाएं.
कई वर्षों से इस अभियान को आगे बढ़ा रही डॉ. गुप्ता को अब समाज से सकारात्मक सहयोग भी मिल रहा है. उनका कहना है कि यह छोटी-सी पहल एक दिन समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है. शहर में इस पहल की खूब चर्चा है और लोग इसे नवरात्रि की सच्ची साधना और सामाजिक भक्ति मान रहे हैं.
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