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Rewa: गांव वालों को मिली राहत, वन विभाग ने किया तेंदुए का सफल रेस्क्यू

MP News: कई दिनों से तेंदुआ इटमा के ग्रामीणों के लिए सिर का दर्द बना हुआ था. अब वन विभाग ने इन लोगों को बड़ी राहत दी है..

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Rewa: गांव वालों को मिली राहत, वन विभाग ने किया तेंदुए का सफल रेस्क्यू
वन विभाग ने किया तेंदुए का रेस्क्यू

Leopard Rescue in Rewa: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा रीवा जिले के वन मंडल (Forest Department) वन परिक्षेत्र सिरमौर (Forest Range Sirmour) अंतर्गत ग्राम इटमा (Itma) के लोगों को बड़ी राहत मिली है. इस इलाके में विगत एक महीने से तेंदुए (Leopard) से जुड़े कई ऐसे मामले सामने आए थे. वन विभाग के द्वारा जांच करने में पता चला था कि कोई जंगली जानवर (Wild Animals) है जो मवेशियों (Cattles) को मार रहे हैं. बाद में पता चला वह एक तेंदुआ है. रीवा वन विभाग (Rewa Forest Department) ने मौके की नजाकत को भांपते हुए तेंदुए को जनहित के लिए रेस्क्यू करने का निर्णय लिया. उच्च अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी गई. उनके द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11(1)a अंतर्गत अनुमति प्रदान करने के बाद उसका रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया.

मवेशियों को बना रहा था अपना शिकार

वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने मुकुंदपुर वन्यप्राणी विशेषज्ञ, वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरमौर एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति में ट्रैप केज स्थापित कर तेंदुए को पकड़ने का अभियान प्रारंभ किया. तेंदुए ने गुरुवार रात को ही गांव में एक और बछड़े पर हमला किया. लेकिन, वन अमले ने मवेशी के शरीर को संरक्षित कर लिया. जिसके बाद भूख से विवश होकर तेंदुआ ट्रैप केज के पास पहुंच गया और उसी में कैद हो गया. तेंदुआ ट्रैप होने के बाद वन परिक्षेत्र अधिकारी, मुकुंदपुर रेस्क्यू टीम और वनमण्डलाधिकारी भी ग्राम इटमा पहुंच गए. तेंदुए का परीक्षण किया गया. परीक्षण में पाया गया कि पिंजरे में कैद तेंदुआ 3.5 से 4 वर्ष (अनुमानित) उम्र की वयस्क मादा है और पूरी तरह स्वस्थ है.

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कई उपकरणों का किया गया उपयोग

वन मण्डल अधिकारी रीवा, वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरमौर, वन्य प्राणी विशेषज्ञ एवं पशु चिकित्सक की उपस्थिति में रेस्क्यू वाहन में रख कर तेंदुए को सुरक्षित दूर जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया. तेंदुए को दूर जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया. इससे पहले रीवा वन विभाग के अमले ने नाइट विजन कैमरे से सतत गश्त, ड्रोन से एरिया मैपिंग और तेंदुए के संभावित रूट में कैमरा ट्रैप का स्थापना किया था. वहीं, दूसरी ओर इस तेंदुए की वजह से ग्रामवासी रात भर जागते रहो के नारे लगाकर गांव में टहलते रहते थे. उसके बावजूद भी तेंदुआ पालतू जानवरों को मार रहा था जैसा कि उसने बीती रात भी किया था. अब उसके पकड़े जाने के बाद दूर जंगल में छोड़ने से गांव वालों ने राहत की सांस ली है. 

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