
रीवा जिले में 12 अक्टूबर को नेशनल हाईवे 30, रीवा–प्रयागराज मार्ग पर परियोजना अधिकारी के साथ हुई लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले के रहने वाले हैं. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक देसी पिस्तौल, दो कट्टे, 16 जिंदा कारतूस, घटना में इस्तेमाल लाल रंग की ब्रेजा कार, दो मोबाइल फोन और 14 हजार रुपये नगद बरामद किए हैं.
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस आरोपियों को उत्तर प्रदेश से रीवा लेकर आ रही थी, तभी शहर में पहुंचने पर एक आरोपी पुलिस की गाड़ी से उतरकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस ने तुरंत पीछा कर उसे दोबारा पकड़ लिया. आरोपी के भागने की यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.
पुलिस के अनुसार, लूट की यह वारदात 12 अक्टूबर की रात करीब 10:30 बजे मंनगवा थाना क्षेत्र के समान नहर के पास हुई थी. परियोजना अधिकारी दीपक मिश्रा पिता रामहर्ष मिश्रा जबलपुर में विभागीय प्रशिक्षण पूरा कर अपनी कार मारुति सुजुकी एस-क्रॉस (एमपी 18 ZB 6343) से त्योंथर लौट रहे थे. इस दौरान बिना नंबर की लाल रंग की ब्रेजा कार में सवार चार बदमाशों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया. बदमाशों ने पिस्टल की नोक पर मोबाइल, नगदी, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस लूट लिया था.
जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नौशाद अहमद पिता मुस्ताक अहमद, निवासी मऊ, जिला प्रतापगढ़, मोहम्मद फैजान, निवासी मऊआईमा, जिला प्रयागराज, गुलजार बरिस्ता, निवासी थाना लीलापुर, जिला प्रतापगढ़ और दिलशाद अली, निवासी थाना लीलापुर, जिला प्रतापगढ़ के रूप में हुई है.
लूटा गया सामान और हथियार बरामद
पुलिस ने चारों आरोपियों से लूटे गए दो मोबाइल फोन, 14 हजार रुपये नकद, एस-क्रॉस की चाबी, एक देसी पिस्तौल, दो कट्टे, .32 एमएम के 9 जिंदा कारतूस और 315 बोर के 7 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. संदेश है कि आरोपियों ने इससे पहले भी अन्य वारदात को अंजाम दिया हो.