भीषण गर्मी ने लोगों के कंठ सुखा दिए हैं. पारा 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. जिला कारागार में निरुद्ध बंदी और कैदी भी गर्मी की चपेट में आने लगे हैं. कैदी अत्यधिक गर्मी के कारण बंदी बेहोश हो रहे हैं. इनमें से कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें ग्लूकोस की बोतल चढ़ाकर राहत दी जा रही है. हालांकि इस बीच जेलों के बंदियों का बुरा हाल होने पर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयाेग ने संज्ञान लिया है.
जबलपुर में भीषण गर्मी से बेहाल कैदी
दरअसल, जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बाेस केंद्रीय कारागार सहित प्रदेश के अन्य जेलों के बंदियों का भीषण गर्मी से बुरा हाल हो गया है. वहीं बंदियों को जिन बैरकों में रखा गया है, वहां मात्र एक पंखा लगा हुआ है, जबकि संख्या अधिक होने के चलते कैदियों को काफी परेशानी हो रही है. इतना ही नहीं भीषण गर्मी के चलते कैदी बेहोश हो रहे हैं. हालांकि इस बीच मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयाेग ने संज्ञान लेते हुए प्रतिवेदन तलब किया है.
मानवाधिकार ने लिया संज्ञान
मानवाधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि मामले में संज्ञान लेकर आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में सुनवाई हुई है. अध्यक्ष मनोहर ममतानी और सदस्य राजीव कुमार टंडन ने मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर महानिदेशक (जेल) भोपाल से मामले की जांच कराने के लिए निर्देश दिए हैं. साथ ही गर्मी से परेशान कैदियों को एक महीने के अंदर राहत देने के लिए आदेश जारी किया गया है.
संख्या से अधिक बैरकों में रखे जा रहे बंदी
बता दें कि मध्य प्रदेश के अधिकतर जेलों में बन्दियों की मान्य संख्या से अधिक बंदी बैरकों में रखे जा रहे हैं, जिसके चलते गर्मी में ये बंदी लगातार बीमार हो रहे हैं. कई बार बन्दियों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा तो कई बंदी डिहाईड्रेशन के शिकार भी हो रहे हैं. वहीं बुजुर्ग बंदी गर्मी को सहन न कर पाने के कारण मानसिक रूप से परेशान हैं.
ये भी पढ़े: MP: शर्मनाक! बेहोश पति को न बेड मिला ना इलाज... मिन्नते करने पर भी कर्मचारियों का नहीं पसीजा दिल