दो वेतन वृद्धि प्रदान करने के बाद रिकवरी आदेश जारी किए जाने को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने राज्य सरकार के आदेश को आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा संशोधित किए जाने को अवैधानिक मना और पीठ ने याचिकाकर्ता शिक्षक को दो वेतन वृद्धि का लाभ दिए का आदेश जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया.
2001 की जनगणना में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित
बता दें कि रीवा के रहने वाले याचिकाकर्ता बहादुर सिंह की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वो शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ है. साल 2001 में उन्हें जनगणना के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया गया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने साल 2003 में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि प्रदान करने के आदेश जारी किए थे. राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने के कारण बहादुर सिंह को दो वेतन वृद्धि प्रदान की गई थी.
2015 में दो वेतन वृद्धि को निरस्त करते हुए रिकवरी के दिए थे आदेश
जिसके बाद साल 2005 में उन्हें आदेशानुसार दो वेतन वृद्धि प्रदान की गई थी. विद्यालय के प्राचार्य ने साल 2015 में उन्हें मिली दो वेतन वृद्धि को निरस्त करते हुए रिकवरी के आदेश निकाल दिए. जिसे चुनौती देते हुए उक्त याचिका दायर की गई थी. वहीं याचिका की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति विवेक जैन की एकलपीठ ने रिकवरी आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की है. साथ ही पूर्व की भांति लाभ प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं.
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