MP News in Hindi : आदिवासी इलाकों में आज भी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. जिससे वहां के स्थानीय लोगों की जिंदगी मुश्किल में गुज़र रही है. ऐसा ही एक दर्दनाक मामला बैहर विधानसभा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से सामने आया है. जहां सड़क न होने की वजह से एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ा. दरअसल, मामला बालाघाट ज़िले के केराकोना गांव का है. यहां 24 साल की युवती इमला पति भागचंद परते अपने मायके आई हुई थीं. जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा को बुलाया. लेकिन गांव तक सड़क न होने के चलते एंबुलेंस वहां पहुंच नहीं पाई.
आनन फानन में खाट का किया इंतज़ाम
एंबुलेंस के पायलट विशाल नागरे और EMT (Emergency Medical Technician) ने हालात को समझते हुए परिजनों के साथ मिलकर एक खाट का इंतजाम किया. दर्द से तड़प रही इमला को खाट पर लिटाकर करीब आधा किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया.
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इसके बाद महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनगुड्डा ले जाया गया. वहां उनकी हालत गंभीर देखते हुए तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया. मामले के बाद स्थानीय लोगों ने सुविधाओं में सुधार की मांग की है.