CG News In Hindi : छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले से बदहाली की बेहद दी मार्मिक तस्वीर आई है. ये तस्वीर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था खाट पर है, इस बात का प्रमाण दे रही है. खास बात ये है कि ये जिला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला है. यहां एंबुलेंस सेवा की अनुपलब्धता के कारण एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को खाट पर ले जाने की घटना ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए. मामला महेंद्रगढ़ क्षेत्र के सरभोका के आश्रित ग्राम नवाडीह का है, जहां बुधराम पंडो नामक मरीज गंभीर बीमारी से जूझ रहा है.
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली उजागर
स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली की एक और तस्वीर सामने आई है, और यह स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की है. यहां एंबुलेंस सेवा की अनुपलब्धता के कारण एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को खाट पर ले जाने की घटना ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. #MadhyaPradeshNews pic.twitter.com/jo6bWbEuVx
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) December 18, 2024
एंबुलेंस न मिलने के कारण परिजन उसे खाट पर लिटाकर लगभग पांच किलोमीटर दूर अस्थायी जिला चिकित्सालय तक पैदल ले जाने को मजबूर हो गए. परिजनों का कहना है कि उन्होंने समय पर एंबुलेंस के लिए संपर्क किया. लेकिन कोई मदद नहीं मिली. अंत मे उन्हें खुद ही खाट पर मरीज को लेकर अस्पताल की ओर निकलना पड़ा. यह घटना प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर करती है.
लोगों में नाराजगी
स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग की है, और कहा है कि यदि यही हाल रहा तो आम जनता को अपनी जान बचाने के लिए ऐसे ही संघर्ष करना पड़ेगा. प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले से आई यह तस्वीर प्रशासन के लिए शर्मनाक है और लोगों की नाराजगी का कारण बन रही है.
ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण- पूर्व विधायक
भरतपुर सोनहत के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने बताया कि यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और प्रशासनिक लापरवाही का शर्मनाक उदाहरण है. स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में एंबुलेंस जैसी बुनियादी सुविधा का न होना सरकार की असफलता को दर्शाता है. जनता को खाट पर मरीज ले जाने के लिए मजबूर होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस घटना की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को तुरंत सुधारने के ठोस कदम उठाए जाएं. यदि यही स्थिति रही, तो जनता के आक्रोश को रोक पाना मुश्किल होगा.
सीएमओ ने नहीं दिया कोई जवाब
इस मामले पर NDTV ने जिला चिकित्सा अधिकारी से बात करने की कोशिश की पर, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. हालांकि, इस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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