MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले से गुजरने वाले आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के गणेश घाट पर सोमवार को दर्दनाक हादसा हो गया. हादसा इतना भायवह था कि इसमें 3 लोगों की ज़िंदा जल कर मौत हो गई. इसी कड़ी में ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने कथित तौर पर खराब सड़क इंजीनियरिंग को जिम्मेदार ठहराया है. संगठन ने हादसों पर रोक लगाने के उद्देश्य से इस घाट पर सीमेंट-कंक्रीट का छह फुट ऊंचा डिवाइडर बनाने की भी मांग की है. इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (Indore Truck Operators and Transport Association) के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने गणेश घाट पर सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत के अगले दिन मंगलवार को एक बयान में कहा,
गणेश घाट पर मुंबई की ओर जाने वाले मार्ग पर ढलान बहुत ज्यादा है. इससे माल से लदे भारी वाहनों के अक्सर ब्रेक नहीं लग पाते और कई बार वे घाट पर बुरी तरह अनियंत्रित होकर दूसरी लेन में चल रहे वाहनों को भी रौंद देते हैं.
उन्होंने मांग की कि ऐसे भीषण हादसों पर रोक के लिए गणेश घाट पर सीमेंट-कंक्रीट का छह फुट ऊंचा और दो फुट चौड़ा डिवाइडर बनाया जाना चाहिए. National Highway Authority of India (NHAI) के Project Director सुमेश बांझल ने बताया कि गणेश घाट पर होने वाले हादसों के मद्देनजर संबंधित हिस्से में 8.8 किलोमीटर लंबा नया रास्ता बनाया जा रहा है जिसका काम दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने कहा, 'अक्सर देखा गया है कि भारी वाहनों के चालक गणेश घाट पर न्यूट्रल गियर में लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं और स्टीयरिंग जाम होने के कारण हादसे होते हैं. '
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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को गणेश घाट पर एक ट्रक के चालक ने अपने वाहन से नियंत्रण खो दिया और कई गाड़ियों को टक्कर मार दी जिससे तीन लोगों की मौत हो गई तथा कुछ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. अधिकारी ने बताया कि गाड़ियों की टक्कर से इनमें भीषण आग भी लग गई. अधिकारी के मुताबिक गणेश घाट पर आए दिन सड़क हादसों में लोग हताहत होते हैं.
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