Pitru Paksha 2024 Dates: श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुके हैं. ये 15 दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए काफी अहम मानें जाते हैं. इस बीच पिंडदान का विशेष महत्व है.वहीं, उज्जैन में देश भर से श्रद्धालु तर्पण के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि श्राद्ध में पूर्वजों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है. इसलिए देशभर से क्षिप्रा नदी के तीन घाटों पर श्रद्धालु पिंडदान करने पहुंचे. इस बीच सिद्धवट, रामघाट के अलावा अंकपात चौराहे पर स्थित गयाकोठा में पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करने वाली भीड़ दिखी.
दो अक्टूबर तक श्राद्ध पक्ष रहेगा
इस बार 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक श्राद्ध पक्ष रहेगा. वर्ष प्रतिपदा तिथि का क्षय होने से 15 दिनों में 16 श्राद्ध होंगे. इसी के चलते तिथि अनुसार पूर्वजों का मोक्ष दायिनी क्षिप्रा नदी के रामघाट, सिद्धवट घाट और अंकपात मार्ग स्थित गयाकोठा तीर्थ पर श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. बता दें कि वैसे तो वर्षभर ही श्रद्धालु यहां तर्पण-पिंडदान के लिए आते हैं, लेकिन श्राद्ध पक्ष में इनकी संख्या बढ़ जाती है. श्राद्ध पक्ष को देखते हुए निगम-प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए टीन शेड आदि लगाए है.
ऐसे घटती-बढ़ती है तिथि
पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि पंचांग के गणित में तिथियां घटते-बढ़ते क्रम में रहती हैं. कभी तिथि का क्षय होता है, तो कभी वृद्धि होना सामान्य प्रक्रिया है. इस बार 16 श्राद्ध में प्रतिपदा तिथि का क्षय है. इस बार बुधवार को श्राद्ध पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, मीन राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हुए. ग्रहों में बुध आदित्य योग और शनि विद्यमान होने से इस योग में श्राद्ध का आरंभ अच्छा माना जाता है.
ये भी पढ़ें- MP में यदि नहीं थमी बारिश तो नष्ट हो जाएगी तिल और उड़द की फसल, बंपर उत्पादन की उम्मीद...
गायत्री शक्तिपीठ में नि:शुल्क तर्पण
अंकपात मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर श्राद्ध पक्ष में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सामूहिक श्राद्ध तर्पण एवं पिंडदान की निशुल्क व्यवस्था की गई.प्रचार-प्रसार सेवक देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक और चौदस और अमावस्या को दो पारियों में सुबह 7:30 बजे और 9:30 बजे से तर्पण पिंडदान कराया जाएगा. सभी पूजन सामग्री यहां नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी. श्रद्धालुओं को समय के 15 मिनिट पहले तर्पण हाल में पहुंचना होगा.
ये भी पढ़ें- MP के सरकारी गोदाम में 5 लाख 76 हजार क्विंटल गेहूं हो चुका है खराब, जानवरों के खाने लायक भी नहीं बचा