MP News In Hindi: सिस्टम में जब व्यवस्थाएं लचर होती हैं, तो इससे उपजी समस्याओं का सामना सरकार और समाज को दोनों को करना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिला में वेयरहाउस में रखा गेहूं ऐसी ही लापरवाही का शिकार हो रहा है, जिसकी वजह से सरकार को लाखों रुपये की चपत लग रही है. वहीं, 2 लाख से अधिक हितग्राहियों का गेहूं पानी में बर्बाद हो रहा है. जानें पूरा मामला.
5 लाख 76 हजार क्विंटल गेहूं हो चुका खराब
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश भर के विभिन्न सरकारी गोदाम में रखा 5 लाख 76 हजार क्विंटल गेहूं खराब हो चुका है, जो अब जानवरों के खाने लायक भी नहीं रहा. सरकारी सिस्टम की लापरवाही ने कई भूखों के मुंह से निवाला छीन लिया. झाबुआ जिले के जिम्मेदार कितने सजग हैं, यह जानने NDTV की टीम ने ऐसे ही सरकारी गोदाम का रियलिटी चेक किया.
इनके दावे हुए फेल
झाबुआ जिला मुख्यालय स्थित सरकारी गोदाम में 3500 मीट्रिक टन अनाज रखने की क्षमता है. यहां इस समय 2700 मीट्रिक टन अनाज का भंडारण किया गया. गोदाम के जिम्मेदारों ने बारिश से बचने के लिए तमाम व्यवस्थाएं होने का दावा करते हुए अब तक किसी तरह के नुकसान न होने की बात कही. लेकिन सच दावों से इतर था, गेहूं को बचाने के लिए न पर्याप्त व्यवस्थाएं थी, न कोई खास इंतजाम किए गए थे.
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बिखरा पड़ा मिला अनाज
तेज बारिश होने पर भारी मात्रा में अनाज के खराब होने की संभावना है. यही नहीं हमारे रियलिटी चेक के दौरान बिखरा पड़ा अनाज और फफूंद लगा गेहूं सरकारी व्यवस्था के दावों की पोल खोल रहा था, जिले में 2 लाख 23 हजार 780 हितग्राही परिवार हैं. जिनमें 10 लाख 99 हजार 594 सदस्य रहते हैं. इन परिवारों को प्रति माह करीब 54 हजार 980 क्विंटल अनाज का वितरण होता है, और इस अनाज के भंडारण की जिम्मेदारी इसी सरकारी वेयर हाउस पर है. जहां दावों से इतर व्यवस्था सिस्टम की पोल खोल रही है.
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