Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को 1984 के यूनियन कार्बाइड गैस आपदा के लिए कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया है. इसके बाद जहरीले रासायनिक अपशिष्ट के निपटान के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया. हालांकि इन आरोपों का विपक्षी दल ने पलटवार भी किया है. कांग्रेस ने कहा कि राज्य में दो दशकों तक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकारों ने कभी भी उस बंद पड़ी फैक्टरी की सफाई नहीं की, जहां रासायनिक अपशिष्ट पड़ा था.
प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में इस मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. यहां कचरे को नष्ट करने का विरोध चल रहा है. मुख्यमंत्री यादव ने विदिशा जिले के लटेरी में एक समारोह में कहा कि याद कीजिए कि किसके समय में भोपाल गैस त्रासदी हुई थी, यह मौत की फैक्टरी थी. लाखों लोग मारे गए, लेकिन उन्हें (कांग्रेस को) शर्म नहीं आई.उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने खतरे के बावजूद फैक्टरी को चलने दिया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार (कचरा निपटान के संबंध में) उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए देश के लोगों को सुरक्षित रखेगी.तीन दिसंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कचरे को निपटान स्थल तक पहुंचाने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा तय की थी.
ये भी पढ़ें अबूझमाड़ के जंगल में 4 जिलों की फ़ोर्स ने नक्सलियों को घेरा, फिर ढेर हो सकते हैं बड़े नक्सली
कांग्रेस ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पिछले दो दशकों में ज्यादातर समय भाजपा सत्ता में रही है. सिंघार ने कहा, 'शिवराज सिंह भी भाजपा सरकार के मुखिया थे, तो यूनियन कार्बाइड कचरे पर कोई चर्चा क्यों नहीं हुई? मौन बाबू (मोहन यादव) को लगता है कि उनकी सरकार भाजपा की (एकमात्र) सरकार है. वे शिवराज सिंह चौहान के चार कार्यकाल को भाजपा सरकार नहीं मानते.'दो और तीन दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्टरी से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिसमें कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहीं.