Stray Dog Havoc: शहर में आवारा कुत्ते दहशत का दूसरा नाम बन गए हैं. आलम यह है कि आए दिन शहरी इलाके में रह रहे लोगों को आवारा कुत्ते काट रहे हैं. जिला अस्पताल के आंकड़े के मुताबिक, पिछले दो महीने में नगरीय इलाकों में लगभग एक हजार से ज़्यादा डॉग बाईट के मामले सामने आ चुके हैं. यदि ऐसे ही हालात रहे तो 2024 में आंकड़ा 6 हज़ार के पार पहुंच सकता है. ज़िले में पिछले पूरे साल में डॉग बाइट के मामलों की बात करें तो यह संख्या 6 हजार पार कर गई थी. यह संख्या अब तक की सबसे ज़्यादा बताई जा रही है. आवारा कुत्ते पहले भी थे और लोग उनसे परेशान पहले भी होते थे लेकिन अब यह ज़्यादा खूंखार हो गए हैं.
नहीं थम रहा आवारा कुत्तों का आतंक
साल 2021 में डॉग बाईट के 4 हजार 83 कैसे जिला अस्पताल में रजिस्टर्ड हुए थे. जो 2 साल बाद बढ़ कर 2023 में 6 हजार 131 तक पहुंच गए. वहीं, साल 2022 में कुल 5 हजार 82 लोगों को कुत्तों ने काटा था. कुल संख्या इससे काफी ज्यादा है क्योंकि यह संख्या उन लोगों की है जो कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन के लिए जिला अस्पताल में आए. कई लोग अन्य अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों में इंजेक्शन के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा कई लोग अस्पतालों में इलाज ही नहीं लेते.
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नगर निगम का अभियान फेल
पिछले दिनों बिरला कॉलोनी में आवारा कुत्तों ने जितेंद्र सेन की बेटी को काट लिया था. उन्होंने बताया कि इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया. रोजाना राह चलते लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. वहीं, मामले को लेकर CMHO ने कहा कि जो भी यहां इलाज के लिए आते हैं उन्हें पूरे डोज उपलब्ध कराए जाते हैं. हालांकि नगर निगम के ज़िम्मेदार कुछ बोलने को राजी नहीं हैं.
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