
Online Cyber fraud in Jabalpur: जबलपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक व्यक्ति के वॉट्सऐप पर अज्ञात नंबर से आई फोटो पर क्लिक करते ही उसका फोन हैक हो गया और देखते ही देखते उनके बैंक खाते से 2 लाख 1 हजार रुपये गायब हो गए. मोबाइल नंबर पर मैसेज आने के बाद प्रदीप जैन को धोखाधड़ी का अहसास हुआ, जिसके बाद पीड़ित ने धोखाधड़ी की शिकायत कोतवाली थाने और साइबर सेल में दर्ज कराई.
अनजान कॉल ने खोली ठगी की राह
कोतवाली इलाके के रहने वाले प्रदीप जैन को 28 मार्च की सुबह लगभग 9 बजे अनजान नंबर (9827832213) से कॉल आया. कॉलर ने वॉट्सऐप पर एक बुजुर्ग की तस्वीर भेजकर पूछा कि क्या वो उन्हें पहचानते हैं. प्रदीप ने इसे नजरअंदाज कर दिया. थोड़ी देर बाद उसी नंबर से दोबारा कॉल आई और वही सवाल दोहराया गया. दोपहर 1:35 बजे तीसरी बार कॉल आने पर गुस्साए प्रदीप ने कहा कि वो उस शख्स को नहीं जानते और फोन काट दिया.
ऐप ने चुराया फोन का नियंत्रण
कुछ समय बाद प्रदीप के फोन में अपने आप "कस्टमर सपोर्ट" नाम का एक ऐप डाउनलोड हो गया. इसी बीच साइबर ठगों ने उनका मोबाइल हैक कर लिया. दोपहर में केनरा बैंक से मैसेज आया कि उनके खाते में पहले 1 रुपये जोड़ा गया, फिर कुछ ही मिनटों में 1 लाख और उसके बाद 1 लाख 1 हजार रुपये निकाल लिए गए. प्रदीप हैरान रह गए कि यह सब कैसे हुआ? उन्होंने तुरंत बैंक जाकर खाता चेक किया तो 2 लाख 1 हजार रुपये गायब थे. खाता बंद करवाने के बाद उन्होंने साइबर सेल में मामला दर्ज करवाया.
हैदराबाद से खाली हुआ खाता
बैंक रिकॉर्ड से पता चला कि यह रकम "IB IBF" नाम के खाते में ट्रांसफर हुई, जो हाल ही में हैदराबाद के केनरा बैंक में खोला गया था. ठगों ने एटीएम से सारा पैसा निकाल लिया. पासबुक में "विशाल ऑनलाइन" और "जन्नतुन बीबी ऑनलाइन" नाम से संदिग्ध ट्रांजेक्शन भी नजर आए. ठगों ने सुबह 9:38 से शाम 5:12 तक वॉट्सऐप पर बार-बार डॉट (.) भेजकर चेक किया कि प्रदीप ऑनलाइन हैं या नहीं...
बैंक पर लापरवाही का इल्जाम
खाता बंद होने के बावजूद ठगों ने 96 हजार रुपये निकालने की कोशिश की, जो नाकाम रही. प्रदीप ने बताया कि बैंक ने धोखाधड़ी की सूचना पर तुरंत मदद नहीं की और साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करने को कहा. हेल्पलाइन से भी तत्काल सहायता नहीं मिली, जिसके बाद अगले दिन बैंक में लिखित शिकायत दी गई. प्रदीप ने यह भी खुलासा किया कि "कस्टमर सपोर्ट" ऐप की डीपी में वही वॉट्सऐप नंबर था और ठग ने बैंक कॉल पर उनकी नकल कर जवाब दिया.
कैसे हुआ फ्रॉड?
1. सबसे पहले ठग वॉट्सऐप पर इमेज भेजा, जिसमें अदृश्य लिंक छिपी हुई थी.
2. जैसे ही फोटो डाउनलोड हुआ, मोबाइल पर ऑटोमैटिक एक ऐप इंस्टॉल हो गया.
3. इस ऐप के जरिए ठग ओटीपी और अन्य जानकारी चुरा लिए.
4. जिसके बाद पूरे मोबाइल का एक्सिस अपराधी के पास चला जाता है.
5. ओटीपी भी अपराधी के पास ही आए..
6. जिसके बाद नेट बैंकिंग के जरिए ठगों ने पैसे ट्रांसफर किए.
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फोटो से ठगी का अनोखा तरीका
साइबर सेल के अधिकारी नीरज नेगी ने बताया कि ठग अब स्टेगनोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें साधारण दिखने वाली फोटो में छिपा लिंक क्लिक करते ही एक ऐप डाउनलोड हो जाता है, जिससे ठग को फोन का पूरा कंट्रोल मिल जाता है. पहले ओटीपी और फिशिंग लिंक से ठगी होती थी, लेकिन यह नया तरीका बेहद खतरनाक है. इस घटना ने लोगों को अनजान नंबरों से आने वाली फोटो या लिंक से सावधान रहने की चेतावनी दी है.
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