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OBC Reservation: 27% ओबीसी रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट की लगातार सुनवाई; CM मोहन ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर ये कहा

OBC Reservation: ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है. वहीं सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर सहमति जताई थी. इसके साथ ही एक संकल्प भी पारित किया गया था.

OBC Reservation: 27% ओबीसी रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट की लगातार सुनवाई; CM मोहन ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर ये कहा
OBC Reservation: 27% ओबीसी रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट की लगातार सुनवाई; CM मोहन ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर ये कहा

OBC Reservation in Madya Pradesh: मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ की ओर पहुंच सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रोजाना सुनवाई करने का फैसला लिया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह मामला 23 सितंबर 2025 से ‘टॉप ऑफ द बोर्ड' श्रेणी में सूचीबद्ध रहेगा. इसका मतलब है कि रोजाना सुनवाई होगी और तब तक जारी रहेगी, जब तक कि अंतिम निर्णय नहीं हो जाता. अब इसमें यह अपडेट आया है कि सुप्रीम कोर्ट 23 की बजाय 24 सितंबर से नियमित सुनवाई करेगा. राज्य सरकार का मानना है कि ओबीसी वर्ग को उनके हक का पूरा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए और इसी दिशा में यह कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि लंबे समय से अटके इस मसले पर जल्द ही अंतिम फैसला आ जाएगा. मध्य प्रदेश में पहले ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी था, जिसे 2019 में अध्यादेश के जरिए बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया गया था. 

सॉलिसिटर जनरल से सीएम की मुलाकात

वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नई दिल्ली प्रवास के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात के बाद कहा कि  "अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्यवाही कर रही है. उन्होंने इस विषय पर सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता से विस्तार से चर्चा की."

ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर सभी दल सहमत

ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है. वहीं सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर सहमति जताई थी. इसके साथ ही एक संकल्प भी पारित किया गया था.  सभी दलों के विधायक विधानसभा में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात उठाते रहे हैं. इस मामले में अलग-अलग वकील केस लड़ रहे हैं, जिस पर न्यायालय ने एक निर्णय लिया है.

क्या है मामला?

सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामले की वजह से 13 प्रतिशत आरक्षण पेंडिंग चल रहा है. अगर इस पर न्यायालय जल्दी से न्याय करेगी, तो जो विद्यार्थी 13 प्रतिशत में आते हैं और जो आयु सीमा पार कर गए हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. दरअसल, कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद मामला न्यायालय में लंबित है.

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