
Neet Graduate Re-Exam: मेडिकल ग्रेजुएट प्रवेश परीक्षा नीट 2025 (NEET UG Exam 2025) में दोबारा बैठने के लिए इंदौर और उज्जैन के 50 से अधिक अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका पर MP हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में आज फिर सुनवाई करेगी. नीट परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने से परीक्षा देने में असफल रहे अभ्यर्थियों को कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की थी, लेकिन आज हाई कोर्ट ऐसे छात्रों को दोबारा परीक्षा में बैठने को लेकर कोई बड़ा फैसला सुना सकती है.
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अभ्यर्थी की याचिका पर हाई कोर्ट ने नीट ग्रेजुएट परीक्षा 2025 परिणाम लगाई थी अंतरिम रोक
गौरतलब है उच्च न्यायालय ने इंदौर के एक अभ्यर्थी की याचिका पर नीट ग्रेजुएट परीक्षा 2025 के परिणाम के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाने का निर्देश दिया था. दायर याचिका में अभ्यर्थी ने कहा था कि नीट-यूजी के दौरान शहर में बिजली गुल होने से प्रवेश परीक्षा में उसका प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ था, इसलिए उसे परीक्षा में दोबारा बैठने का मौका दिया जाए.
नीट-यूजी में बैठे देश भर के करीब 21 लाख अभ्यर्थियो को प्रभावित कर सकता है कोर्ट का निर्णय
याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अभ्यर्थी को फौरी राहत देते हुए निर्देश दिया था कि अगली सुनवाई तक नीट-यूजी के परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे. याचिका पर अगली सुनवाई आज यानी 22 मई को होनी है. माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के इस निर्देश ने नीट-यूजी में बैठे देश भर के करीब 21 लाख उम्मीदवारों को प्रभावित कर सकता है.
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यह पहला मौका था, जब राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे
उल्लेखनीय है यह पहला मौका था, जब NTA ने सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे, जहां एग्जाम के दौरान पॉवर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था. इससे परीक्षा के दौरान बिजली कटने से अभ्यर्थियों की परीक्षा प्रभावित हुआ था. इंदौर के एक याचिकाकर्ता ने परीक्षा दोबारा करवाने को लेकर इंदौर हाईकोर्ट की रुख किया और अब तक लगभग पचास से अधिक ऐसी याचिकाएं कोर्ट पहुंच चुकी है, इनमें अकेले उज्जैन से दस से अधिक छात्र शामिल हैं.
एनटीए और बिजली कंपनियों द्वारा पेश की गई दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ इंदौर हाई कोर्ट
प्रतिवादियों में शामिल राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी को नोटिस का जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय हाई कोर्ट ने दिया था. एकल पीठ ने कहा कि प्रतिवादी 4 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में बैठे याचिकाकर्ता को उचित परिस्थितियां प्रदान करने में विफल रहे. 22 मई को हुई दूसरी सुनवाई में कोर्ट में एनटीए और बिजली कंपनियों द्वारा पेश की गई दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई.
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