MP News: निजी स्कूलों, प्रकाशकों और किताब विक्रेताओं की सांठगांठ से अभिभावकों को राहत दिलाने जबलपुर (Jabalpur) में आयोजित किये गये पुस्तक मेला (Book Fair) को मिली सफलता को देखते हुए अब राज्य शासन ने प्रदेश भर में इसका आयोजन करने के निर्देश दिये हैं. राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र भेजकर नये शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को उचित मूल्य पर पुस्तकें, यूनिफार्म, कापियां एवं स्टेशनरी आदि सुलभ कराने पुस्तक मेले का आयोजन करने कहा है.
कलेक्टर ने की पहल
ज्ञात हो कि जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना की पहल पर स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमानी से राहत दिलाने तथा प्रतिस्पर्धी एवं न्यूनतम मूल्य पर किताबें, कॉपियां, यूनिफार्म, जूते, टाई, स्कूल बैग और अन्य शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने गोलबाजार स्थित शहीद स्मारक में 10 से 14 अप्रैल तक पुस्तक मेला का आयोजन किया गया था. नागरिकों और अभिभावकों से मिले अच्छे रिस्पांस और उनकी मांग को देखते हुए जिला प्रशासन को पांच दिवसीय इस मेले की अवधि एक दिन और बढ़ानी पड़ी थी.
सभी जिला अधिकारियों को दिए गए निर्देश
पुस्तक मेला के आयोजन के बारे में राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला कलेक्टरों को दिए गए निर्देशों में कहा गया कि यदि उनके जिले में निजी स्कूलों, प्रकाशकों और किताब विक्रेताओं की सांठगांठ के कारण विद्यार्थियों और अभिभावकों को परेशानी हो रही है, तो स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन कर प्रत्येक जिले में उपयुक्त स्थान का चयन कर यथाशीघ्र पुस्तक मेले का आयोजन किया जाए. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कहा गया है कि पुस्तक मेला में कॉपी-किताबों के साथ-साथ यूनिफार्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री के स्टॉल भी प्रकाशकों और विक्रेताओं से लगवायें जायें, ताकि एक ही स्थान पर सभी सामग्री उचित और न्यूनतम दर पर उपलब्ध हो सके.
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आचार संहिता का रखें ध्यान-स्कूल शिक्षा विभाग
कलेक्टरों को पुस्तक मेले के आयोजन में चुनावी आदर्श आचार संहिता का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पत्र में बताया गया है कि पुस्तक मेले के आयोजन की अनुमति भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त कर ली गई है.
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