MP Kanha Park: 27 अप्रैल को विश्व पशु चिकित्सा दिवस (World Veterinary Day) मनाया जाता है. इस खास मौके पर आइए आपको एक ऐसे जानवरों के मसीहा के बारे में बताते हैं जिन्होंने 20 बाघों (Tigers) का मुश्किल समय में रेस्क्यू (Rescue) किया और कई शावकों को खुद से पालन-पोषण किया. जी हां, मंडला (Mandla) जिले में स्थित कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) में वन्य प्राणियों के लिए यहां के डॉ. संदीप अग्रवाल (Dr. Sandeep Aggarwal) मसीहा से कम नहीं है. 2001 से ही वह यहां वेटरन के रूप में सेवाएं दे रहे हैं.
नेशनल पार्क की लोकप्रियता में निभाई अहम भूमिका
कान्हा नेशनल पार्क को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक में पहचान दिलाने में डॉ. संदीप अग्रवाल की अहम भूमिका रही है. यह 2001 से ही कान्हा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अब तक 11 अनाथ शावकों का पालन पोषण कान्हा नेशनल पार्क में कर उन्हें जंगल में अपना पालन पोषण, अपना क्षेत्र, अपना घर बनाने के काबिल बनाया. इनकी बदौलत ही कान्हा नेशनल पार्क रि-वाईल्डिंग स्कूल के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध है.
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पन्ना में भी किया है खास काम
इतना ही नहीं, कान्हा नेशनल पार्क के अलावा इन्होंने पन्ना टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और नौरादेही टाइगर रिजर्व में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. एक समय पन्ना टाइगर रिजर्व में विलुप्त हो चुके टाइगर को दोबारा बसाने का काम भी इन्होंने ही किया है. करीब 20 बाघों को मुश्किल भरा रेस्क्यू कर उन्हें जीवन दिया है. डॉक्टर संदीप अग्रवाल ने पोचिंग का शिकार हुए करीब 100 बाघों का पोस्टमार्टम कराकर दोषियों को सजा दिलाने का काम भी किया है.
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