Mohan Yadav Interview: मध्य प्रदेश के भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) से खास बातचीत की. शिक्षा, रोजगार, पलायन से लेकर तमाम सारे मुद्दों पर बातचीत हुई. कोविड काल में बच्चों के जनरल प्रमोशन नहीं करने के मामले में CM ने जवाब दिया और कहा कि सरकार में अगर हम हैं तो तुरंत निर्णय कर लेना चाहिए, इसका फायदा भी होता है.
इसलिए लिया था ये बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने NDTV को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि जब मैं शिक्षा मंत्री था तब भी कई फैसले लिए थे. कोविड काल के वक़्त लोगों ने कहा कि बच्चों का जनरल प्रमोशन कर दिया जाना चाहिए. लेकिन हमने कहा कि भले ही ओपन बुक परीक्षा प्रणाली कर लें लेकिन जनरल प्रमोशन नहीं देंगे. क्योंकि यदि ऐसा किया तो पढ़ाई- लिखाई के लिए बच्चों की आदत छूट जाएगी. बच्चा घर में बैठकर ही लिखे. उसकी आदत पढ़ाई करने की हो ये न छूटे. यदि हम जनरल प्रमोशन कर देते , बच्चों की मार्कशीट में GP लिखा होता तो उसका क्या फायदा होता ? बच्चों के भविष्य और हित को देखते हुए ये फैसला लेना पड़ा था. सीएम ने कहा कि हमने राज्य और समाज का हित देखा. सरकार और समाज दोनों अलग- अलग नहीं हैं. समाज का प्रतिबिंब सरकार पर पड़ता है.
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रोजगार परक शिक्षा पर जाना चाहिए
सीएम ने कहा कि मैं पहले शिक्षा मंत्री भी रहा हूं. हमने कुछ बदलाव भी किया. ये सौभाग्य की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 , माननीय मोदी जी के शासनकाल में बनी जो कि बहुत ही क्लीयर है. हमारे पास सिर्फ कागज की डिग्री ही शिक्षा नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे हमारे पास उच्च शिक्षा के लिए 20 लाख विद्यार्थी हैं, उच्च शिक्षा तक आते-आते 2 लाख ही रह जाते हैं. इस बीच हाई- हायरसेकण्डरी तक आते- आते वे रोजगार परक शिक्षा जैसे आईटीआई, पॉलिटेक्निक या अन्य में जाएं, जीवन की लाइन तय हो जाएगी. रोजगार पर स्कील डेवलेपमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया. हमारा माहौल रोजगार परक शिक्षा पर ही जाना चाहिए.