First National Space Day 2024: चंद्रयान -3 का साल 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल प्रक्षेपण हुआ. चंद्रयान -3 में मध्य प्रदेश के सतना जिले के युवा वैज्ञानिक ओम पाण्डेय का सक्रिय योगदान रहा. उन्होंने टीम के साथ छह महीने तक इस अभियान में काम किया. ऐसे में आज पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर युवा वैज्ञानिक के बारें में जानते हैं.
प्रक्षेपक की निगरानी में रहा अहम योगदान
ओम पाण्डेय सतना के युवा वैज्ञानिक हैं. उनकी टीम ने चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका निभाई. ओम उस टीम का हिस्सा बने जो चंद्रयान को अंतरिक्ष की कक्षा और प्रक्षेपक की निगरानी जिम्मा उठा रही थी. वो चंद्रमा पर लैंडर उतारने की प्रक्रिया में भी शामिल रहे हैं. पाण्डेय 2018 में एक वैज्ञानिक के रूप में इसरो में शामिल हुए.
लगभग 6 साल से इसरो में दे रहे सेवाएं
ओम पाण्डेय के परिवार कहते हैं कि वो हमेशा से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान देना चाहता था. वो लगभग 6 साल से इसरो में हैं. ओम पाण्डेय चंद्रयान-2 मिशन का हिस्सा भी रहे हैं. इन दिनों वह इसरो में सेवाएं दे रहे हैं.
परिवार में सबसे छोटे हैं ओम पाण्डेय
साधारण परिवार में जन्मे वैज्ञानिक ओम पाण्डेय मिशन मून का हिस्सा बनकर अपने गांव करसरा के साथ साथ पूरे मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया. उनके पिता प्राणनाथ पांडेय शिक्षक पद से रिटायर्ड हैं. वहीं मां कुशुम पाण्डेय हाउसवाइफ हैं. ओम के दो भाई और एक बहन हैं. वो अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं. उनका विवाह रीवा के रहने वाली शिखा के साथ हुआ है.
सतना से की शुरुआती पढ़ाई
बता दें कि वैज्ञानिक ओम पाण्डेय गांव की स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने 12वीं की पढ़ाई सतना के उत्कृष्ट विध्यालय से की. फिर उन्होंने बीई की पढ़ाई इंदौर के डीएवी कॉलेज से की, जबकि एमटेक की पढ़ाई कानपुर विवि से पूरी की. इसके बाद यूपीएसई में भी किस्मत आजमाई. प्री क्लियर किया, लेकिन इसके बाद बीमारी के कारण वो आगे पेपर नहीं दे पाए.
कई पुरस्कार से सम्ममानित हो चुके हैं ओम पाण्डेय
ओम पाण्डेय मेधावी छात्र रहे हैं. वो ट्यूशन के बिना ही इस मुकाम तक पहुंचे हैं. जब उन्होंने कक्षा आठवीं की परीक्षा पास की तब उन्हें संस्कृत में सौ फीसदी अंक मिले. जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने उन्हें पांच हजार रुपये का नकद ईनाम दिया. इसके अलावा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान के हाथों सम्मानित हुए और उन्हें लैपटॉप भी मिला था.