
National Panchayati Raj Diwas 2025: प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (National Panchayati Raj Day) मनाया जाता है. पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस वर्ष 2010 में मनाया गया था. तब से भारत में प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. यह दिन वर्ष 1992 में संविधान के 73वें संशोधन के अधिनियमन का प्रतीक है. 24 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (एनपीआरडी) मनाएगा, जो 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 की बत्तीसवीं वर्षगांठ है. इस बार राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का मुख्य समारोह बिहार के मधुबनी जिले में झंझारपुर ब्लॉक के लोहना उत्तर ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री इस अवसर पर देश भर के पंचायती राज संस्थानों (PRI) और ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे और विशेष श्रेणी के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025 भी प्रदान करेंगे.
स्वस्थ गांव है समृद्ध और खुशहाल जीवन की आधारशिला। जब पंचायतें गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और गरीब वर्ग तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने का कार्य करती हैं, तब गांवों में खुशहाली और विकास सुनिश्चित होता है। साफ-सफाई, पोषण, नियमित स्वास्थ्य जांच और जागरूकता जैसे प्रयास बीमारी से… pic.twitter.com/CZDle4TbKq
— Ministry of Panchayati Raj, Government of India (@mopr_goi) April 23, 2025
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का इतिहास National Panchayati Raj Day History
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की शुरुआत 24 अप्रैल 1993 को हुई, जब 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ. इस संशोधन के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा मिला और पूरे देश में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली को अपनाया गया. भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 2010 में पहली बार इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में घोषित किया और तब से हर साल 24 अप्रैल को यह दिवस मनाया जाता है.
73वां संविधान संशोधन और उसका महत्व 73rd Amendment of Panchayati Raj in India
यह संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने और उन्हें संवैधानिक मान्यता देने के लिए लाया गया था. इसके प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:
- त्रिस्तरीय संरचना – ग्राम पंचायत, पंचायत समिति (ब्लॉक स्तर), और जिला परिषद.
- आरक्षण की व्यवस्था – महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण.
- नियमित चुनाव – हर पाँच वर्षों में पंचायत चुनाव अनिवार्य किए गए.
- वित्तीय स्वायत्तता – पंचायतों को वित्तीय अधिकार दिए गए.
- राज्य वित्त आयोग और राज्य चुनाव आयोग की स्थापना.
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का उद्देश्य
इस दिन का मुख्य उद्देश्य है- पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती को प्रोत्साहित करना. ग्रामीण विकास में पंचायतों की भूमिका को सराहना. लोगों को स्थानीय स्वशासन के महत्व के प्रति जागरूक करना. पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित करना और उन्हें मार्गदर्शन देना.
इस बार किसे मिलेगा अवॉर्ड National Panchayat Awards-2025
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2025 24 अप्रैल, 2025 को बिहार के मधुबनी जिले के लोहना उत्तर ग्राम पंचायत में आयोजित होने वाले एनपीआरडी-2025 के राष्ट्रीय समारोह में प्रदान किए जाएंगे. यह पहली बार है कि पंचायती राज मंत्रालय ने स्वयं के स्रोत से राजस्व (ओएसआर) में वृद्धि के जरिये जलवायु कार्रवाई और आत्मनिर्भरता की प्रमुख राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में ग्राम पंचायतों के अनुकरणीय प्रयासों को प्रोत्साहित करने और मान्यता देने के लिए समर्पित विशेष श्रेणी पुरस्कारों को संस्थागत रूप दिया है.
- जलवायु कार्रवाई विशेष पंचायत पुरस्कार (सीएएसपीए) - पंचायतों को जलवायु-उत्तरदायी स्थानीय सरकारों के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना;
- आत्मनिर्भर पंचायत विशेष पुरस्कार (एएनपीएसए) - पंचायतों द्वारा स्वयं के स्रोत राजस्व (ओएसआर) में वृद्धि के जरिये आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना;
- पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार (पीकेएनएसएसपी) - पंचायती राज प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता को पहचानना. यह पुरस्कार मंत्रालय द्वारा 2023 में स्थापित किया गया था और पहले पुरस्कार 2024 में प्रदान किए गए थे.
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2025 की विशेष श्रेणियों के पुरस्कार विजेता हैं:
जलवायु कार्रवाई विशेष पंचायत पुरस्कार (सीएएसपीए)
रैंक 1 : दव्वा एस ग्राम पंचायत, गोंदिया जिला, महाराष्ट्र
रैंक 2 : बिरदाहल्ली ग्राम पंचायत, हासन जिला, कर्नाटक
रैंक 3 : मोतीपुर ग्राम पंचायत, समस्तीपुर जिला, बिहार
आत्मनिर्भर पंचायत विशेष पुरस्कार (एएनपीएसए)
रैंक 1 : मॉल ग्राम पंचायत, रंगारेड्डी जिला, तेलंगाना
रैंक 2 : हटबदरा ग्राम पंचायत, मयूरभंज जिला, ओडिशा
रैंक 3 : गोलापुडी ग्राम पंचायत, कृष्णा जिला, आंध्र प्रदेश
पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार (पीकेएनएसएसपी)
रैंक 1 : केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान (केआईएलए), केरल
रैंक 2 : राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान, ओडिशा
रैंक 3 : राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान, असम
प्रत्येक पुरस्कार में क्रमशः 1 करोड़ रुपये (रैंक 1), 75 लाख रुपये (रैंक 2) और 50 लाख रुपये (रैंक 3) की वित्तीय प्रोत्साहन राशि शामिल है. पुरस्कार विजेताओं को विशेष रूप से डिज़ाइन की गई ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे. गौरतलब है कि 6 पुरस्कार विजेता ग्राम पंचायतों में से 3 - बिहार (मोतीपुर ग्राम पंचायत), महाराष्ट्र (दव्वा एस ग्राम पंचायत) और ओडिशा (हटबद्रा ग्राम पंचायत) - की मुखिया महिला सरपंच हैं.
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