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Akshaya Tritiya 2025: अबूझ मुहूर्त पर बन रहे हैं ये योग, अक्षय तृतीया पर जानिए क्या खरीदना होगा फलदायी?

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक है, इस दिन विवाह और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य सफलता और सौभाग्य के लिए शुरू किए जा सकते हैं.

Akshaya Tritiya 2025: अबूझ मुहूर्त पर बन रहे हैं ये योग, अक्षय तृतीया पर जानिए क्या खरीदना होगा फलदायी?
Akshaya Tritiya 2025: अबूझ मुहूर्त में बन रहे हैं ये योग, अक्षय तृतीया पर क्या खरीदे, क्या नहीं?

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) में सबसे शुभ दिनों में से एक है. इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह इतना शुभ समय है कि कोई भी महत्वपूर्ण कार्य पारंपरिक पंचांग देखे बिना किया जा सकता है. इस दिन विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय और अन्य गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं. इस दिन शुरू किए गए कार्य सफलता और सौभाग्य दिलाते हैं.

पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व Akshaya Tritiya Mythological And Spiritual Significance:

अक्षय तृतीया सत युग और त्रेता युग की शुरुआत का प्रतीक है, और द्वापर युग के अंत का भी प्रतीक है, इसलिए इसे युगादि तिथि या नए युग की शुरुआत कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के तीन अवतार अवतरित हुए थे और पवित्र नदी गंगा धरती पर उतरी थी. इसके अलावा, इस पवित्र तिथि से चार धाम यात्रा शुरू होती है, जो इसका धार्मिक महत्व बढ़ाती है.

अक्षय तृतीया 2025 तिथि और समय Akshaya Tritiya 2025 Date And Timings

इस साल अक्षय तृतीया 29 अप्रैल को शाम 5:32 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:13 बजे तक रहेगी. उदया तिथि (सूर्योदय आधारित गणना) के अनुसार, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी.

इस दिन पूजा करने का सबसे शुभ समय सुबह 6:07 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक रहेगा. सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय लाभ चौघड़िया के दौरान 30 अप्रैल को शाम 5:15 बजे से 6:15 बजे के बीच है.

अक्षय तृतीया 2025 पर शुभ योग Akshaya Tritiya 2025 Shubh Yog

इस वर्ष अक्षय तृतीया पर कई दुर्लभ और महत्वपूर्ण योग बनेंगे, जैसे-

  • शोभन योग
  • सर्वार्थ सिद्धि योग
  • गजकेसरी योग
  • रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र का संयोग

ऐसा माना जाता है कि ये खगोलीय संयोग धन, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद लाते हैं. इसलिए अक्षय तृतीय का पर्व लंबी अवधि की चीजों, नए काम शुरू करने और जमीन-जायदाद के अलावा ज्वेलरी, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीददारी के लिए शुभ माना जाता है.

अक्षय तृतीया पर क्या खरीदें What To Buy On Akshaya Tritiya:

आम तौर पर इस दिन सोने के आभूषण या सोना खरीदना चाहिए. यदि सोना खरीदना संभव न हो तो कई वैकल्पिक वस्तुएं हैं जिन्हें इस दिन घर लाना अत्यधिक शुभ माना जाता है. जैसे-

  • मिट्टी के बर्तन, पीतल की वस्तुएं, या पीली सरसों के बीज:  ये वस्तुएं समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं.
  • 11 कौड़ियां: इनकी पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन की प्राप्ति होती है.
  • दक्षिणावर्ती शंख: इसे लक्ष्मी का दिव्य भाई माना जाता है, इसे घर में लाकर इसकी पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.
  • एकाक्षी नारियल: देवी लक्ष्मी का प्रतीक; कहा जाता है कि यह आर्थिक कठिनाइयों से रक्षा करता है.
  • पारद शिवलिंग: इसे अभिमंत्रित कर पूजन करने से घर में भगवान शिव, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की उपस्थिति सुनिश्चित होती है.
  • क्रिस्टल या स्फटिक कछुआ: इससे अच्छा स्वास्थ्य रहता है और यह परिवार को बीमारी से बचाता है.
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा है क्योंकि मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. इस दिन बिना मुहूर्त के शादी, मुंडन, अन्नप्रासन्न सहित सभी मांगलिक कार्य किए जाते हैं.

इस तिथि को भगवान श्री बद्रीनाथ जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी के दर्शन भी किए जाते हैं. इसी दिन भगवान परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था. इसीलिए इनका प्रागट्य दिवस भी मनाया जाता है. भगवान परशुराम प्रदोष काल में प्रकट हुए थे. इसलिए इस बार भगवान परशुराम जी का प्रकटोत्सव 29 अप्रैल को मनाया जाएगा.

अक्षय तृतीया पर क्या न करें? What Not To Do On Akshaya Tritiya:

  • एल्युमीनियम, स्टील या प्लास्टिक से बने बर्तन या वस्तुएं न खरीदें.
  • कांटेदार पौधे खरीदने से बचें.
  • काले कपड़े खरीदने से बचें.
  • जुआ या लॉटरी में भाग न लें

अक्षय तृतीया पर पूजा क्या करें Akshaya Tritiya Puja

इस दिन हवन, पूजा-पाठ और पितरों का तर्पण (श्राद्ध) करने की सलाह दी जाती है. आप पीपल के पेड़ के नीचे अपने पूर्वजों को सफेद मिठाई और शुद्ध जल चढ़ा सकते हैं. कच्चा दूध, गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल और फूलों से पवित्र तर्पण किया जा सकता है, इसके बाद धूपबत्ती जलाकर पितृ सूक्त का पाठ किया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: इस लेख की सामग्री पूरी तरह से मान्यताओं पर आधारित है, और इसे सामान्य मार्गदर्शन के रूप में लिया जाना चाहिए. व्यक्तिगत अनुभव भिन्न हो सकते हैं. NDTV इसमें बताए गए किसी भी दावे या जानकारी की सटीकता या वैधता का दावा नहीं करता है. यहां चर्चा की गई किसी भी जानकारी या विश्वास पर विचार करने या उसे लागू करने से पहले किसी योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह दी जाती है.

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