मध्य प्रदेश में "हृदयम एमपी" पहल का शुभारंभ किया गया है. इसके बारे में पर्यटन और संस्कृति के प्रमुख सचिव व टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि "हृदयम एमपी" पहल प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म के इको सिस्टम को विकसित करने का प्रयास करेगी. यह एक इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म के रूप में डेवलप होगा, जिस पर पर्यटन, वेलनेस और मेडिकल वैल्यू टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर्स समन्वित रूप से कार्य करेंगे. टूरिज्म विभाग की तरफ से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल और वेलनेस चिकित्सा पद्धति के सभी संसाधनों को एकीकृत करते हुए प्रदेश में पर्यटन उत्पाद के रूप में विकसित करने के लिए "हृदयम एमपी" पहल कार्य करेगी. इस दौरान "हृदयम एमपी" का लोगो भी लॉन्च किया गया.
Madhya Pradesh embarks on a transformative journey with the launch of Hridayam MP, aimed at establishing the state as a leading wellness and medical tourism hub.
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) November 8, 2024
Principal Secretary of Tourism and Culture and Managing Director of the Madhya Pradesh Tourism Board, Shri Sheo… pic.twitter.com/E41JHVkJAr
वेलनेस और मेडिकल टूरिज्म के लिए मध्यप्रदेश परफेक्ट
आयुष विभाग की आयुक्त सलोनी सिडाना ने कहा कि 2017 की नेशनल हेल्थ पॉलिसी में कैफेटेरिया एप्रोच का जिक्र किया गया है. जिसके अंतर्गत प्रदेश में चिकित्सा में इंटीग्रेटेड एप्रोच को विकसित किया गया. प्रदेश में आयुष के तहत यूनानी, आयुर्वेद और होम्योपैथी सहित सभी पद्धति की चिकित्सा प्रदान की जा रही है. वेलनेस और मेडिकल टूरिज्म के लिए मध्यप्रदेश उपयुक्त हैं.
हृदयम एमपी में क्या कुछ होगा?
"हृदयम एमपी" पहल के तहत, राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों में योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा एवं ध्यान केंद्र स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा. नीति निर्धारण कर शासन स्तर पर प्रोत्साहन देना, लैंड बैंक तैयार करने जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों जैसे जंगलों, पहाड़ों और जल स्रोतों का लाभ उठाकर ऐसी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा जो पर्यटकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित बनाए रखे.
कैरियर ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि यूरोप, यूके और अमेरिका सहित अन्य देशों से भारत में मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहें हैं. उसका एक प्रमुख कारण सस्ता इलाज हैं. डेंटल इंप्लांट, ब्लड कैंसर का ट्रीटमेंट, ट्रॉमा, पोस्ट रेडियो थेरेपी जैसे ट्रीटमेंट कम दाम में प्रदेश में उपलब्ध है. साथ ही प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी अच्छी हो गई है. इस कारण प्रदेश मेडिकल टूरिज्म के लिए उपयुक्त है.
चिरायु ग्रुप के संस्थापक अजय गोयनका ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की संभावना असीमित है. यहां सभी प्रकार की चिकित्सा उचित दाम पर उपलब्ध है. अमेरिका में दंत चिकित्सा के लिए 3 से 6 महीने की वेटिंग रहती है. लेकिन प्रदेश में इस तरह की कोई वेटिंग नहीं और चिकित्सा का व्यय भी अमेरिका के मुकाबले बहुत कम है. इसी तरह की स्थिति हेयर ट्रांसप्लांट, फेशियल ट्रीटमेंट, हार्ट सर्जरी आदि में है.
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