MP Nursing Council: मध्य प्रदेश में पांव पसार चुके शिक्षा माफिया की कीमत उन छात्रों को चुकानी पड़ रही है, जो फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के झांसे में आकर लाखों रुपये की फीस भर कर सुनहरे भविष्य का ख्वाब देख रहे थे. इस बीच सीबीआई की जांच में राज्य के 67 कॉलेजों को फर्जी पाया गया. सीबीआई की जांच के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है.
सीबीआई की जांच में जिन नर्सिंग कॉलेजों को फर्जी बताया गया है, उनमें धार जिले के भी नर्सिंग कॉलेज शामिल है. सीबीआई की जांच के बाद उच्च न्यायालय ने धार के चार कॉलेजों को फर्जी पाया, जिसमें शहर का रोशन कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, वेंकटेश कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, नवरत्न कॉलेज और प्रयागराज कॉलेज शामिल हैं. फर्जी कॉलेज की सूचना मिलते ही इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के सामने अपना भविष्य अंधकार में दिखाई देने लगा है.
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छात्रों ने कॉलेज बदलने का लगाया आरोप
धार जिले के चार नर्सिंग कॉलेजों के फर्जी करार दिए जाने के बाद यहां पढ़ रहे छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया है. आक्रोशित छात्रों ने अब अपने नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार को ब्रह्मा कुंडी स्थित कॉलेज के सामने कॉलेज संचालक और फर्जी कॉलेज के खिलाफ इन छात्रों ने जमकर नारेबाजी की. इसके बाद इंदौर नाके पर इंदौर-धार मार्ग पर चक्का जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान भविष्य की चिंता में डूबे कई छात्र-छात्राओं की आंखों में आंसू भी झलक पड़े, जो ये बताने के लिए काफी है कि राज्य भर में फैले फर्जी कॉलेजों ने किस तरह छात्रों को अपने जाल में फंसाकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.
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जारी है शिक्षा माफिया की दबंगई
चक्का जाम की सूचना मिलते ही सीएसपी रविंद्र वास्कले और तहसीलदार दिनेश उईके प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और छात्रों समझाइश देकर चक्का जाम खुलवाया. रोशन कॉलेज के छात्र कुमावत की माने तो रोशन नर्सिंग कॉलेज का संचालक अन्य कई नाम से भी कॉलेज चला रहा है. पहले उसे एसएस कॉलेज में एडमिशन दिया गया. बाद में रोशन कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गाय. इसकी भी जांच की जाना चाहिए. शिक्षा माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि इस मामले को कवर करने गए पत्रकारों को कवरेज करने से रोकने का प्रयास किया गया. रोशन नर्सिंग कॉलेज के गेट पर जब एनडीटीवी संवाददाता साबिर खान फर्जी कॉलेजों को लेकर कवर कर रहे थे. उस दौरान अपने आपको रोशन नर्सिंग कॉलेज के डायरेक्टर बता रही महिला ने कवरेज करने से रोकने का प्रयास किया और संवाददाता को बिना परमिशन के कवरेज करने से मना करते हुए बदसलूकी पर उतर आई.
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