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MP में सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स अधर में: 65 कॉलेज को हाईकोर्ट ने बताया अयोग्य, लगाया बैन

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि जो 65 कॉलेज सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए हैं, इनमें दाखिला ले चुके छात्रों और उन संस्थाओं के साथ कोई भी नरमी नहीं बरती जानी चाहिए.

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MP में सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स अधर में: 65 कॉलेज को हाईकोर्ट ने बताया अयोग्य, लगाया बैन

Nursing Scam: मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रहे अमानक नर्सिंग कॉलेजों (Nursing Colleges) पर हाईकोर्ट (MP High Court) ने अपना हथौड़ा चला दिया है.सीबीआई (CBI) की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने राज्य के 65 नर्सिंग कॉलेजों को अयोग्य ठहराते हुए उन पर बैन लगा दिया है. जिससे सैकड़ों स्टूडेंट्स के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है. हालांकि हाईकोर्ट ने 308 नर्सिंग कॉलेजों में से 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट भी दिया है और इन नर्सिंग कॉलेजों के आगे संचालन और उनके छात्रों की परीक्षा के द्वार खोल दिए हैं. इसके अलावा राज्य की सबसे बड़ी अदालत ने 74 नर्सिंग कॉलेजों में सीबीआई की रिपोर्ट में कमियां पाई गईं थी, उनके लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं. 

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि जो 65 कॉलेज सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए हैं, इनमें दाखिला ले चुके छात्रों और उन संस्थाओं के साथ कोई भी नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट इन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दिलाने में मदद करने वाले अफसरों के खिलाफ भी सख्त रुख इख्तियार कर लिया है. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि जिन-जिन अधिकारियों और निरीक्षण टीमों के जरिए गड़बड़ी की गई है, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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नजीर बन सकती है ये फैसला

आपको बता दें कि देश में ये एक बड़ी समस्या है कि किसी भवन, कालोनी या संस्थान आदि के अवैध पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन उन अवैध भवन, कालोनी या संस्थान को देखकर भी आंखें बंद कर लेने वाले और उसके विकास में मदद करने वाले संबंधित अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है. इस मामले में अगर इन अमानक नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देते वक्त नियमों की अनदेखी करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होती है, तो ये फैसला देश में एक नजीर बन सकती है.

हाईकोर्ट के फैसले से मची खलबली

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 8 फरवरी को नर्सिंग घोटाले के मामले में हुई सुनवाई के बाद सामने आए आदेश से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल,  हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका सहित अन्य मामलों पर सुनवाई करते हुए अपने विस्तृत आदेश में प्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच की रिपोर्ट में 308 नर्सिंग कॉलेजों में से 169 नर्सिंग कॉलेजों को ही पात्र बताया है. वहीं, 74 नर्सिंग कॉलेज में अनेक कमियां पाई गई हैं. इसी के साथ प्रदेशभर के 65 नर्सिंग कॉलेज को प्रदेश में लागू मापदंडों के आधार पर अपात्र करार दिया है. अदालत ने जांच में खड़े उतरे 169 नर्सिंग कॉलेजों के आगे संचालन एवं उनके छात्रों के लिए परीक्षा के द्वार खोल दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर जिन 74 नर्सिंग कॉलेजों में सीबीआई की रिपोर्ट में कमियां पाई गई हैं. उनके लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं. यह कमेटी उन कॉलेजों की कमियों को दूर करने के साथ ही उन कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को फिलहाल किसी और कॉलेजों में स्थानांतरित किया जा सकता है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इन कॉलेजों के भविष्य के बारे में कोई फैसला हो पाएगा.

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पीपुल्स कॉलेज की याचिका खारिज

सत्र 2023-24 की मान्यता के संबंध में पीपुल्स निजी विश्वविद्यालय की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. दरअसल, इस याचिका में सरकार की ओर से नर्सिंग की मान्यता के लिए आवेदन मंगाए जाने वाले पोर्टल नहीं खोले जाने को चुनौती दी गई थी. इसपर सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के लंबित रहने और इंडियन नर्सिंग काउंसिल द्वारा घोषित समयावधि गुजर जाने  के साथ ही पूरे मामले में हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग होने के कारण नए सत्र की मान्यता प्रक्रिया हेतु पोर्टल नहीं खोले जा सके हैं. इसके बाद अदालत ने सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए पीपुल्स निजी विश्वविद्यालय की याचिका खारिज कर दी. अब नर्सिंग घोटाले और इससे संबंधित समस्त याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई नियत की गई है, इस पर शाम तक कुछ स्थिति साफ होने की उम्मीद है. 

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