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वनरक्षकों पर हमला... जंगल में लाठी, डंडों और पत्थरों से वार, आदिवासियों ने दौड़ा दौड़ाकर क्यों पीटा

MP Forest: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अगर तत्काल पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती तो वहां बड़ी घटना हो सकती थी, क्योंकि लाठी, डंडों से लैस आदिवासी काफी आक्रामक थे. लेकिन पुलिस को आता देख वे वहां से भाग निकले और बड़ी घटना टल गई.

वनरक्षकों पर हमला... जंगल में लाठी, डंडों और पत्थरों से वार, आदिवासियों ने दौड़ा दौड़ाकर क्यों पीटा

Tribal in Madhya Pradesh: ग्वालियर के पनिहार इलाक़े में आदिवासियों (Tribals) ने वनकर्मियों (Forest Staff) को दौड़ा दौड़ाकर पीटा. इसमें आधा दर्जन वनकर्मी घायल हुए हैं, तीन को ज्यादा कर्मियों को चोटे आई हैं. वनकर्मी वृक्षारोपण (Plantation) के लिए भूमि तैयार करने गए थे. जब वे काम कर रहे थे तभी उन पर सहरिया आदिवासियों (Sahariya Tribals) ने हमला बोला. आदिवासी जमीन पर काम करने से ये कहते हुए रोक रहे थे कि यह जमीन उनकी है. यह घटना वन चौकी बीट रायपुरा के जंगलों (Raipura Forest Area) में हुई.

पुलिस का क्या कहना है?

पुलिस (Police) के अनुसार सोन चिरैया अभयारण्य (Son Chiraiya Sanctuary) तिघरा के वन बीट रायपुरा में पदस्थ वन रक्षक (Forest Guard) लोकेंद्र सिंह द्वारा पुलिस को की गई शिकायत के अनुसार वह अपने साथी कर्मी रविकांत, रामौतार और अन्य के साथ स्वर्ण रेखा नदी के किनारे न्यायालय (Court) द्वारा दिये गए आदेश के पालन में वृक्षारोपण के लिए भूमि तैयार करने  करने गए थे.

वे लोग काम कर ही रहे थे. दो घण्टे बाद अचानक वहां रतना, साबा और हीरा आदिवासी अनेक लोगो को लेकर वहां पहुंच गया. उन्होंने काम कर रही जेसीबी (JCB) बन्द करवा दी. कहने लगे कि यह जगह उनकी है. वनकर्मियों ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की कि वे वन भूमि (Forest Land) पर काम कर रहे है तो वे मारने पीटने पर आमादा हो गए. फिर वे सब उन पर टूट पड़े. उन्होंने लाठी और डंडों से वनकर्मियों पर हमला बोल दिया. वनकर्मी वहां से सामान छोड़कर जान बचाकर भागे तो आदिवासियों ने उनका पीछा किया और जमकर मारपीट की.

हमले से घबराकर भागे कर्मियों पर भीड़ ने जमकर पथराव किया. इस पथराव में कई वन कर्मी घायल हो गए. उन्होंने जंगल में छुपकर अपनी जान बचाई और अपने वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने पर पनिहार पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक आदिवासी भाग चुके थे. पुलिस ने घायल कर्मचारियों की शिकायत पर केस दर्ज कर घायल वन कर्मियों को उपचार के लिए रवाना किया. इस बीच सूचना पाकर फारेस्ट के आला अफसर भी मौके के लिए रवाना हो गए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अगर तत्काल पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती तो वहां बड़ी घटना हो सकती थी, क्योंकि लाठी, डंडों से लैस आदिवासी काफी आक्रामक थे. लेकिन पुलिस को आता देख वे वहां से भाग निकले और बड़ी घटना टल गई.

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