
Madhya Pradesh News : घर से जंगल बेर तोड़ने गए तीन मासूम बच्चे देर शाम तक घर नहीं आए तो बच्चों के परिजन हैरान व परेशान हो गए. फोन के माध्यम से आसपास एवं रिश्तेदारी में पता करने के बाद जब कोई सुराग नहीं मिला तो उनके मन में तरह-तरह की शंका और आशंका होने लगी. आनन-फानन इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई. कोतवाली पुलिस (Kotwali Police Sidhi) गुमशुदगी दर्ज करने के बाद बिना देरी किए हुए तुरंत मौके पर पहुंची और बच्चों की तलाश में जुट गई.
रात भर चला सर्चिंग अभियान
कोतवाली अंतर्गत पटेहरा खुर्द निवासी माधुरी जायसवाल 10 वर्ष, रवि जयसवाल 10 वर्ष, रानी जायसवाल 12 वर्ष के लापता होने की खबर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची. इसके बाद पुलिस द्वारा रात भर सर्चिंग अभियान जारी रखा गया. जंगल के विभिन्न क्षेत्रों को टॉर्च के सहारे पुलिस लापता बच्चों को खोजती रही लेकिन किसी का कोई सुराग नहीं मिला. इधर परिजन भी इस घटना के बाद सहमे-सहमे नजर आ रहे थे और उनमें आक्रोश की भावना भी दिख रही थी.
सुबह जंगल में छिपे मिले बच्चे
सुबह सर्चिंग के दौरान काफी मशक्कत करने के बाद बच्चे जंगल में छिपे मिले, पुलिस उन्हें अपने साथ जब वापस गांव लाई और हकीकत के बारे में पता लगाया गया तो खुलासा चौंकाने वाला रहा है. बच्चों ने बताया कि बेर खाने के लिए जंगल जाने के दौरान कुल्हाड़ी साथ में लेकर गए थे. जंगल में कुल्हाड़ी कहीं गुम गई और फिर बच्चों को ढूंढने के बाद भी नहीं मिली. ऐसे में सभी बच्चे डर के मारे घर आने के बजाय जंगल में ही छुप गए. वे पूरी रात ठंड में जंगल में ही छिपे रहे और घर वापस नहीं आए.
परिजनों ने कहा भगवान का लाख-लाख शुक्र है
बच्चों के परिजनों ने कहा कि बच्चे पूरी रात जंगल में रहे और सुबह सुरक्षित मिल गए भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि उन्हें जंगली जानवरों ने शिकार नहीं बनाया और एवं कड़कती ठंड में बच्चे सुबह सुरक्षित मिल गए हैं. वहीं अंत में सर्चिंग टीम में लगे पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी परिजनों द्वारा धन्यवाद दिया गया.
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