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MP News : बुरहानपुर के 1500 किसानों ने राष्ट्रपति से लगाई आत्मदाह की गुहार, जानिए क्या है समस्या?

MP News : ग्राम पांगरी में मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत एक परियोजना प्रस्तावित है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए यहां प्रारंभिक कार्यवाही करने पहुंचे थे, जिससे नाराज किसानों ने यह कदम उठाया है. नाराज किसानों ने जल संसाधान विभाग के अफसर कर्मचारियों को काम करने से भी रोक दिया था.

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MP News : बुरहानपुर के 1500 किसानों ने राष्ट्रपति से लगाई आत्मदाह की गुहार, जानिए क्या है समस्या?
बुरहानपुर:

Farmers Asked Permission for Suicide from President :  बुरहानपुर जिले के आदिवासी ब्लॉक (Tribal Block) खकनार के करीब 1500 किसानों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर आत्मदाह करने की अनुमति मांगी है. जिले की खकनार तहसील के तीन गांव पांगरी, बसाली और नागझिरी के किसान गुरुवार को एकत्र हुए और राष्ट्रपति के नाम सामूहिक रूप से एक पत्र लिखकर प्रेषित करने का निर्णय लिया. राष्ट्रपति के नाम लिखे पत्र में किसानों ने लिखा है कि अगर पांगरी सिंचाई परियोजना (Pangri Medium Irrigation Project) का काम बिना मुआवजा (Compensation) तय किए शुरू होता है तो वे सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे.

बुरहानपुर में मुआवजे की मांग को लेकर इकट्ठा हुए किसान

बुरहानपुर में मुआवजे की मांग को लेकर इकट्ठा हुए किसान

क्या है पूरा मामला? यहां समझिए...

खकनार क्षेत्र के ग्राम पांगरी में मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत एक परियोजना प्रस्तावित है. जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) के इंजीनियर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए यहां प्रारंभिक कार्यवाही करने के लिए पहुंचे थे. इस बात से नाराज किसानों ने पहले तो जल संसाधान विभाग के अफसर और कर्मचारियों को काम करने से रोका.

यहां किसानों का बड़ा सवाल यह था कि इस परियोजना से प्रभावित होने वाले किसानों का मुआवजा निर्धारित किए बिना परियोजना का काम कैसे शुरू हो सकता है?

इसी समस्या को लेकर जिन-जिन जिन किसानों की जमीन इस परियोजना की वजह से डूब में आ रही है, वे सभी किसान एकत्र हुए और उन्होंने राष्ट्रपति के नाम पत्र भेजा.

किसानों की ओर से राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र

किसानों की ओर से राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र

विभाग का कहना है- सरकार को भेजा गया है प्रस्ताव

इस संबंध में जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 17.71 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रभावित किसानों की जमीन का मुआवजा भुगतान करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है, लेकिन किसान सरकार की गाइड लाईन का विरोध कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग के अनुसार मुआवजा वितरण करने का काम हमारे हाथ नहीं होता, शासन स्तर पर विभाग मुआवजा राशि कलेक्टर को पहुंचाते हैं और एसडीएम (SDM) के माध्यम से किसानों को मुआवजा वितरण होता है. इस मामले में जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी फिलहाल कुछ कहने को तैयार नहीं हैं.

सूत्रों के अनुसार नेपानगर एसडीएम (Nepanagar SDM) जिनका यह राजस्व क्षेत्र (Revenue Area) आता है, उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है. अब नाराज किसान आने वाले मंगलवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्टर दफ्तर (Collector Office) में पहुंचकर बैठक करने व कलेक्टर से भेंट करने की बात कह रहे हैं.

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