SIR Process: इंदौर हाईकोर्ट ने नगर पालिका चुनावों से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन, निर्वाचन आयोग, इंदौर कलेक्टर और इंदौर नगरीय क्षेत्र के सभी एसडीएम को नोटिस जारी करते हुए 6 सप्ताह के भीतर विस्तृत और तथ्यों पर आधारित जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
वकील ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता दिलीप कौशल की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि प्रथम मतदाता सूची में हजारों मतदाताओं के पते ‘भवन क्रमांक 0' दर्शाए गए हैं. इसके अलावा अपात्र बीएलओ से कार्य करवाया गया है और 1200 मतदान केंद्रों की सीमा के विरुद्ध 1761 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जो नियमों का उल्लंघन है. यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 तथा नगर पालिका निगम अधिनियम 1960 के प्रावधानों के खिलाफ है, इसलिए एसआईआर को निरस्त किया जाना चाहिए.
अदालत ने सरकार द्वारा दिया गया प्रारंभिक जवाब अस्वीकार करते हुए सभी पक्षों को छह सप्ताह में विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. पिछली सुनवाई (17.11.2025) में कोर्ट ने इन गंभीर बिंदुओं पर संज्ञान लिया था-
- मतदाता-सूची में हजारों मतदाताओं के पते में भवन क्रमांक “0” दर्ज
- अपात्र BLO से कार्य करवाना
- 1200 की सीमा के विरुद्ध 1761 मतदान केंद्रों का निर्माण
- नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम 2(m), 5, व 6(2) तथा नगर निगम अधिनियम 1960 में आपसी विरोधाभास
कोर्ट ने इन विषयों पर शासन सहित निर्वाचन आयोग, कलेक्टर एवं SDM से विस्तृत और तथ्यात्मक जवाब मांगा है. अगली सुनवाई जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में होगी.
यह भी पढ़ें : BR Gavai Interview: न्यायपालिका में सरकार के दखल से लेकर संवैधानिक मूल्यों तक; पूर्व CJI ने क्या कुछ कहा
यह भी पढ़ें : रेलवे स्टेशन से लेकर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे तक, ग्वालियर के बड़े प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन पर सिंधिया की नजर
यह भी पढ़ें : VIT Bhopal: छात्रों का बवाल; अब VIT यूनिवर्सिटी के फैकल्टी का मिला शव, जानिए पूरा मामला
यह भी पढ़ें : MP IAS Transfer: ACS अनुपम राजन को मिला नया प्रभार, राप्रसे अधिकारी जायसवाल बने अपर संचालक