मध्य प्रदेश में AJAKS के स्टेट प्रेसिडेंट और IAS अफसर संतोष कुमार वर्मा ब्राह्मणों की बेटियों पर अमर्यादित टिप्पणी करने की वजह से एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इससे पहले भी उनकी निजी ज़िंदगी से जुड़े विवाद पुलिस थाने तक पहुंचे थे और वे दो बार सलाखों के पीछे भी रह चुके हैं. अब इस नए मामले में मध्य प्रदेश शासन ने आईएएस संतोष वर्मा को नोटिस जारी किया है. वहीं, राज्य के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने भी सोशल मीडिया पर उनके बयान की कड़ी निंदा की है.
आईएएस संतोष वर्मा की विवादित टिप्प्णी
AJAKS कन्वेंशन में, जहां वर्मा को प्रोविंशियल प्रेसिडेंट चुना गया था, उन्होंने कथित तौर पर कहा-“एक परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति को रिजर्वेशन मिलना चाहिए, जब तक कि कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान न कर दे या उसके साथ रिश्ता न बना ले.” इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. भोपाल में गुरुवार को IAS Santosh Verma के विवादित बयान से नाराज ब्राम्हाण समाज सड़कों पर उतर आया.
🚨 IAS Santosh Verma: “Reservations should stay until a Brahmin gives his daughter to my son.”
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 25, 2025
👉 How can someone in public service speak with such a backward, caste-obsessed mindset...? pic.twitter.com/bnwNVwO3Pw
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने क्या लिखा?
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि “एक IAS अधिकारी द्वारा बहन एवं बेटियों को लेकर की गई टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक, असंवेदनशील और समाज में अनावश्यक विभाजन पैदा करने वाली है. किसी भी समाज की बहन एवं बेटियों के विरुद्ध ऐसी टिप्पणी विकृत मानसिकता का परिलक्षण है. एक उच्च पद पर बैठे अधिकारी से ऐसे विचार न केवल सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाते हैं बल्कि प्रशासनिक गरिमा पर भी प्रश्न उठाते हैं.”

उन्होंने आगे लिखा-“सरकार की स्पष्ट मान्यता है कि किसी भी जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी द्वारा मातृशक्ति के विरुद्ध ऐसी टिप्पणी करना सामाजिक समरसता और संवैधानिक मर्यादा दोनों के विरुद्ध है. इस प्रकार की सोच भारतीय संस्कृति और हमारी परंपराओं का भी अपमान करती है. सभी वर्गों का सम्मान हमारी परंपरा का मूल है और किसी भी समुदाय विशेष को लक्षित कर की गई टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती. इसी आधार पर सरकार द्वारा उनसे बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो संतुष्टि प्रदायक न होने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी.”
IAS संतोष वर्मा के नोटिस में क्या लिखा?
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से IAS संतोष वर्मा को अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1969 के नियम 10 (1)(A) के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस दिया गया है. नोटिस में लिखा है कि आपके द्वारा 23 नवंबर 2025 को भोपाल में आयोजित AJAKS के प्रांतीय अधिवेशन में दिए गए वक्तव्य के संबंध में दिनांक 25.11.2025 के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार की छायाप्रति संलग्न है.

आपके द्वारा “एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर दे या उससे उसका संबंध नहीं बना ले” जैसी टिप्पणी करना प्रथम दृष्टया सामाजिक समरसता को ठेस पहुंचाने एवं आपसी वैमनस्यता उत्पन्न करने वाला प्रयास प्रतीत होता है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों से अपेक्षित आचरण के अनुरूप नहीं होकर अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है.''
मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग अवर सचिव ‘कार्मिक' फ़रहीन खान की ओर से जारी नोटिस में आगे लिखा है-“आपके द्वारा अखिल भारतीय सेवाएं (आचरण) नियम, 1968 के नियम 3(1), 3(2)(B)(i)(ii) का उल्लंघन किया जाकर आपने स्वयं को अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1969 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही का भागी बना लिया है. अतः कारण बताएं कि उपर्युक्त कृत्य के लिए क्यों न आपके विरुद्ध नियम 10 (1)(A) के अंतर्गत कार्रवाई की जाए. कृपया अपना उत्तर 7 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें. निर्धारित समय में उत्तर न मिलने पर एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी.”
IAS संतोष वर्मा कौन हैं?
संतोष वर्मा मध्य प्रदेश में प्रमोटी IAS हैं और वर्तमान में कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यरत हैं. वर्ष 2021 में वे राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रमोट होकर IAS बने. उन्हें इंदौर में तब गिरफ्तार किया गया था जब एक जज ने शिकायत की थी कि वर्मा ने एक महिला को कथित तौर पर डराने-धमकाने के मामले से जुड़े दो कोर्ट डॉक्यूमेंट्स में फर्जी साइन किए थे. 2016 में इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि संतोष वर्मा ने शादी का वादा किया, लेकिन बाद में पता चला कि वे पहले से शादीशुदा हैं.
IAS संतोष वर्मा पर FIR की मांग
अब ब्राह्मणों की बेटियों पर की गई अमर्यादित टिप्पणी के बाद परशुराम कल्याण बोर्ड अध्यक्ष पंडित विष्णु राजौरिया और अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा है कि ब्राह्मणों की बहन-बेटियों के अपमान पर संतोष वर्मा पर FIR दर्ज होनी चाहिए.
मिनिस्ट्री ऑफिसर्स-एम्प्लॉई यूनियन ने प्रेसिडेंट सुधीर नायक की लीडरशिप में डिप्टी चीफ मिनिस्टर राजेंद्र शुक्ला को एक मेमोरेंडम दिया, जिसमें IAS ऑफिसर के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की गई है.
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