Misuse of Oxytocin Injection: फल-सब्जियों और पोल्ट्री फार्म में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के अंधाधुंध उपयोग पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने इस मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव और ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि वर्ष 2013 में दिए गए प्रतिबंध आदेश के बावजूद आज तक इस खतरनाक इंजेक्शन के उपयोग पर लगाम क्यों नहीं लगाई गई? यह मामला 12 साल बाद भी ऑक्सीटोसिन के अनियंत्रित उपयोग से जुड़ा है. हाईकोर्ट ने इसकी बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. इसके बावजूद, सरकार की ओर से इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाया.
2013 में प्रतिबंध का आदेश, फिर भी खुलेआम बिक्री
6 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट ने ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश जारी किए थे.
आदेश के पालन न होने पर बीपी सिंह राजावत की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई.
हाईकोर्ट ने शासन को विस्तृत जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. कोर्ट ने कहा आदेश के 12 वर्ष बाद भी ऑक्सीटोसिन के अवैध इस्तेमाल को रोकने में प्रशासन विफल रहा है.
मंडी में खुलेआम इंजेक्शन वाली सब्जियां
याचिकाकर्ता ने कहा कि सब्जी मंडियों में बड़े आकार के तरबूज और सब्जियां खुलेआम बिक रही हैं, जिनमें ऑक्सीटोसिन का उपयोग किया गया है. यह न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है बल्कि अदालत के आदेशों की सीधी अवमानना भी है.
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