
MP High Court: मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. हालांकि, कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. वहीं अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ दर्ज हुई FIR पर सवाल उठाए है. कोर्ट ने FIR के पैराग्राफ 12 को लेकर सवाल उठाए हैं. इसे रिप्रोडूस करने की बात कोर्ट ने कही है. आइए जानते है कोर्ट में क्या कुछ कहा गया.
हाई कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
जबलपुर में सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि इसमें धाराओं के अनुसार "एक्शन ऑफ सस्पेक्ट" की क्लिएरिटी नहीं है. एफआईआर के पैराग्राफ 12 को आगे आने वाले सभी ज्यूडिशियल और इन्वेस्टिगेटिव मामले में कोर्ट के 14/05/2025 ऑर्डर को देखने, और इस्तेमाल करने की बात कही है. कोर्ट ने FIR की भाषा पर नाराजगी जताई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार FIR इस तरह दर्ज की गई ताकि यदि पूर्ववर्ती CrPC की धारा 482 के अंतर्गत चुनौती दी जाती है तो इसे रद्द किया जा सके. इसके पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत अपराध बनता है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को अपराध घोषित करता है.
उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलिस को एफआईआर में कथित अपराधों का व्यापक विवरण शामिल करना चाहिए और इसे उसके बुधवार के आदेश के अनुरूप होना चाहिए. पीठ ने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए.
बुधवार को उच्च न्यायालय ने मंत्री के विवादित बयानों पर स्वत: संज्ञान लिया था. उसी के अनुसार शाह के खिलाफ बुधवार रात इंदौर जिले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कृत्य), 196(1)(बी) (समुदायों के बीच आपसी सद्भाव को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाला कृत्य, जिससे सार्वजनिक अशांति पैदा होने की संभावना हो) और 197(1)(सी) (सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला समुदाय के सदस्य को लक्षित करने वाला बयान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एफआईआर वाले आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मेरे बयान को गलत समझा गया, जबकि मैंने इसके लिए माफी मांग ली है. मीडिया ने ओवरहाइप कर दिया है.
बता दें कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद मंत्री शाह पर एफआईआर दर्ज की गई. उन्होंने इस मामले को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए त्वरित सुनवाई की गुहार लगाई है.
सोमवार को इंदौर जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने कुरैशी का नाम लिए बिना विवादित बयान दिया था. शाह ने कर्नल कुरैशी की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा था, "जिन लोगों ने हमारी बेटियों को विधवा बनाया, हमने उन्हें सबक सिखाने के लिए उनकी अपनी बहन को भेजा."
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